Saturday, March 22, 2025

Dussehra par nibandh दशहरा पर निबंध

Dussehra par nibandh दशहरा पर निबंध

Dussehra par nibandh-हमारे  देश में दशहरा बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन असत्य पर सत्य की विजय हुई थी
Dussehra par nibandh दशहरा पर निबंध

प्रस्तावना

दशहरा  भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार भारत में पुरातन काल से ही बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। दुनिया में भारत को त्योहारों का देश भी कहा जाता है, क्योंकि अक्सर यहां पर हर दिन कोई न कोई त्यौहार अवश्य होता है।  दशहरा त्योहार को पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

इस त्योहार को हर जाति वर्ग के लोग बड़ी धूमधाम से मनाते है। यह त्योहार हिंदी कैलेंडर के हिसाब से अश्विन मास के शुक्ल पक्ष में दस दिनों तक मनाया जाता है। इस दिन पर असत्य पर सत्य की जीत हुई थी।दशहरा पर्व दीपावली से करीब 20 दिन पहले आता है।

दशहरा त्यौहार क्यों मनाया जाता है

भारत एक विशाल जनसंख्या एवं पौराणिक मान्यताओं वाला देश है। दशहरा को मानाने के पीछे हिन्दू धर्म के ग्रंथों में दो प्रमुख घटनाओं का वर्णन किया जाता है।

आइए इनके बारे में जानते है-

1 –महिषासुर वध –

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार महिषासुर नामक राक्षस ने पृथ्वीलोक से लेकर देवलोक तक हाहाकार मचा रखा था। उसे ब्रम्हाजी का बरदान प्राप्त था, जिससे उसकी शक्ति के आगे देवता भी टिक नहीं पा रहे थे।

लाचार होकर सभी देवता माँ दुर्गा के पास गए और महिषासुर का नाश करने की गुहार करने लगे। देवताओं की विनती पर माँ दुर्गा ने अपने रौद्र रूप में महिषासुर से युद्ध किया। यह युद्ध नौ दिनों तक चला था। और दशवें दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया। दशमी के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई और इसलिए इस दिन को विजयदशमी के रूप में मनाते हैं।

2 –रावण का वध –

भगवान श्रीराम पिता की आज्ञा से चौदह वर्ष का वनवास काट रहे थे। वनवास के अंतिम वर्ष में रावण ने माता सीता का छल से अपहरण कर लिया। भगवान श्रीराम ने भालुओं और वानरों की सेना के साथ लंका पर चढाई कर दिया। युद्ध से पहले भगवान राम ने रावण से सीता माता को सकुशल वापस लौटाने का आग्रह किया। परन्तु अहंकारी रावण ने नहीं माना। उसके पश्चात भगवान श्रीराम और रावण के बीच भीषण युद्ध हुआ।

दशमी के दिन रावण का अंत हो गया। भगवान श्रीराम ने रावण का नाश करके धर्म की स्थापना की और रावण के अनुज भिभीषण को लंका का राजा बनाया। इस प्रकार दशमी के दिन असत्य पर सत्य की विजय हुई। इसलिए इस दिन को विजय दशमी के रूप में मनाया जाता है।

दशहरा का आयोजन

भारत के लगभग सभी स्थानों पर 9 दिनों तक मां दुर्गा  के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। बहुत से लोग इन नौ दिन उपवास रखते हैं। इस नौ दिन के त्यौहार को नवरात्रि कहा जाता है जिसमें माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्री के दिन सुबह शाम माता की आरतियां होती हैं और प्रसाद बांटे जाते हैं।

नवरात्री में रामलीला का मंचन किया जाता है। इसमें भगवान श्रीराम के जीवन को वास्तविक लोगों द्वारा दर्शाया जाता है। यह बहुत सुन्दर और मन को मुग्ध करने वाला होता है।

उपसंहार

दशहरा का त्योहार खुशियों और उमंगों का त्यौहार है। और जितना इस त्यौहार की पौराणिक मान्यताएं हैं उतना ही इस त्यौहार का महत्व भी है। इससे  यह प्रतीत होता है कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो उसका अंत एक न एक दिन निश्चित ही होता है।

आशा है आपको Dussehra par nibandh अवश्य पसंद आया होगा  

पढ़ें –हिंदी प्रेरक कहानियां 

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