अपने दुखों का कारण स्वयं मत बनो
Gautam Buddha Motivational Story in Hindi: ज्यादातर लोग दूसरों को अपने दुखों का कारण मानते हैं। जबकि कई बार ऐसा होता है कि कोई और हमें दुख नहीं देता, बल्कि हम खुद ही अपने दुखों का कारण बन जाते हैं। हमें इस चीज से खुद को बचाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हम खुद को परेशान करते हैं और डिप्रेशन में चले जाते हैं। गौतम बुद्ध एक प्रेरक प्रसंग है जो हमें प्रेरणा देता है कि हम अपने दुखों का कारण स्वयं को न बनने दें।
अपने दुखों का कारण स्वयं मत बनो Gautam Buddha Motivational Story in Hindi
एक बार गौतम बुद्ध नगर में घूम रहे थे। तभी बुद्ध ने सुना कि उस नगर में रहने वाले कुछ लोग बुद्ध को बुरा-भला कह रहे हैं और उन्हें कोस रहे हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उस नगर में रहने वाले कुछ बुद्ध-विरोधी लोगों ने आम नागरिकों के मन में यह बात भर दी थी कि गौतम बुद्ध पाखंडी हैं और वह उनके धर्म को दूषित कर रहे हैं। इस वजह से उस शहर में रहने वाले लोग बुद्ध को पसंद नहीं करते थे और उन्हें अपना दुश्मन मानते थे।
जब गौतम बुद्ध ने नगरवासियों की ये शिकायतें सुनीं, तो वे चुपचाप एक कोने में खड़े होकर उनकी अपशब्दों को आराम से सुनते रहे। इस दौरान बुद्ध ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। कुछ देर बाद जब नगरवासी बुद्ध को बुरा-भला कहते-कहते थक गये और चुप हो गये, तो गौतम बुद्ध ने उन नगरवासियों से कहा, मुझे खेद है, पर यदि तुम्हारी बात समाप्त हो गई, तो क्या मैं यहां से चला जाऊं? यह सुनकर उन्हें बुरा-भला कहने वाले लोग बहुत हैरान हुए। तभी वहां मौजूद लोगों में से एक ने कहा, ‘हम आपकी तारीफ नहीं कर रहे हैं, हम आपको अपशब्द बोल रहे हैं। क्या ये चीजें आपको प्रभावित नहीं कर रही हैं?
Gautam Buddha Motivational Story in Hindi
उस व्यक्ति को जवाब देते हुए गौतम बुद्ध ने कहा, तुम सब मुझे कितनी भी गाली दो या बुरा-भला कहो, मैं इसे अपने ऊपर नहीं लूंगा क्योंकि मैं जानता हूं कि मैं कुछ भी गलत नहीं कर रहा हूं, इसलिए इन बातों को तब तक रखो जब तक मैं स्वीकार नहीं करता, तब तक वे मुझे प्रभावित नहीं करेंगे। गौतम बुद्ध ने आगे कहा, जब मैं इन अपशब्दों और बुराइयों को अपने ऊपर नहीं लूंगा, तब ये अवश्य तुम्हारे पास रहेंगी और मुझ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
शिक्षा
गौतम बुद्ध का यह प्रेरक प्रसंग हमें यही सिखाता है और प्रेरणा देता है कि जब आप गलत नहीं हैं तो कभी भी किसी की गलत और नकारात्मक बातों का असर अपने ऊपर नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इससे आप खुद ही अपने दुखों का कारण बन जाएंगे। बनाया जा सकता है।