कड़ी मेहनत और स्मार्ट वर्क Hard work and Smart work

कड़ी मेहनत और स्मार्ट वर्क Hard work and Smart work

कड़ी मेहनत और स्मार्ट वर्क Hard work and Smart work

एक व्यापारी था। उसका व्यापार देश विदेश में फैला था। वह अक्सर विदेश आया जाया करता था। वह सामान की बड़ी बड़ी खेप जहाज पर लादकर समुद्र के रास्ते विदेश लेकर जाता था।

एक बार की बात है, वह व्यापारी ढेर सारा सामान एक बड़े से जहाज पर लादकर विदेश जा रहा था। सब कुछ हर बार की तरह सही चल रहा था। तभी अचानक समुद्र के बीच में उस जहाज का इंजन बंद हो गया। जहाज पर करोड़ो रूपये का सामान था। व्यापारी को चिंता होने लगी। उनसे झट से मैकेनिक को इंजन ठीक करने के लिए बोला।

सारे मैकेनिक मिलकर इंजन को ठीक करने में लग गए। बहुत कोशिशों के बाद भी जहाज का इंजन चालू नहीं हुआ। व्यापारी बहुत चिंतित हो गया। उसे अब अपने माल के साथ समुद्र में ही डूब जाने का डर सताने लगा।

व्यापारी ने फोन करके दूसरे मैकेनिक से मदद मांगी।

बहुत देर इंतजार करने के बाद दूर से एक नाव दिखाई पड़ी। नजदीक आने के बाद व्यापारी ने देखा की उस नाव में एक बजुर्ग व्यक्ति था जो मैकेनिक था। मैकेनिक नाव से जहाज पर चढ़ा और इंजन को देखने गया।

वह मैकेनिक जहाज के इंजन को बहुत देर तक देखता रहा। उसे ऐसे करते देख बाकी के मैकेनिको ने सोचा, लगता है इसके बस की बात नहीं है। व्यापारी भी झल्ला कर बोला – इतनी देर से क्या देख रहे हो। अगर तुम्हारे बस की बात नहीं है तो तुम जा सकते हो।

इतने में उस बुजुर्ग मैकेनिक ने एक हथौड़ा खींचकर इंजन के एक पुर्जे पर दे मारा। हथौड़ा पड़ते ही इंजन स्टार्ट हो गया। सब आश्चर्य चकित थे।  व्यापारी बहुत खुश हुआ।

व्यापारी ने उस बुजुर्ग मैकेनिक का शुक्रिया अदा करते हुए पूछा – आपके कितने पैसे हुए ?

दस हजार – बुजुर्ग मैकेनिक ने जबाब दिया।

दस हजार सुनते ही व्यापारी गुस्से में बोला -दस हजार बहुत ज्यादा नहीं है। तुमने किया ही क्या है। सिर्फ एक हथौड़ा मारने के दस हजार ?

बुजुर्ग मैकेनिक ने कहा – सिर्फ हथौड़ा मारने के दस हजार नहीं हैं। हथौड़ा मारने का 10 रुपया और सही जगह पहचानने का 9990 रूपये।

कड़ी मेहनत और स्मार्ट वर्क 

ये सच बात है कि हमें अपने कार्य को केवल मेहनत से ही नहीं बल्कि सही और सटीक तरीके से करने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि सिर्फ मेहनत करने से ही आप किसी कार्य में सफल नहीं हो सकते। जब तक की आप सही कार्य सही समय पर सही दिशा में नहीं करते।

आपका वर्क हार्ड वर्क नहीं बल्कि स्मार्ट वर्क  होना चाहिए। क्योंकि चाहे जितना भी आप हार्ड वर्क करलें अगर आपका हार्ड वर्क सही और सटीक  दिशा में नहीं है तो उसका कोई फायदा नहीं होता।

अगर आप को एक निश्चित समय पर एक ऊंची दीवार पर चढ़ना है तो उस दीवार पर निरंतर चढ़ने की कोशिश और बार बार फिसलने से अच्छा है आप दिए गए समय में से उसके आधे से ज्यादा समय का उपयोग सीढ़ी खोजने में लगा दें।

क्योंकि हो सकता है चढ़ने के बार बार प्रयास और मेहनत से भी आप दीवार पर न चढ़ पाएं। परन्तु अगर आपको सीढ़ी मिल जाती है तो निश्चित ही आप बहुत काम समय में पर अवश्य चढ़ जायेंगे।

इस सन्दर्भ में इब्राहिम लिंकन ने एक बात कही थी कि – अगर आप मुझे किसी पेड़ को काटने के लिए 6 घंटे देते है तो मैं पहले 4 घंटे, अपनी कुल्हाड़ी की धार को तेज़ करूँगा।

यह सच बात है दोस्तों हार्ड वर्क से ज्यादा स्मार्ट वर्क करने की कोशिश करनी चाहिए। हो सकता है आपको उतनी ही सफलता ज्यादा कड़ी मेहनत के बजाय अपने तरीके बदलने से, और सही तरीके से किये गए थोड़े ही प्रयास से मिल जाये।

इसलिए यह कहना पूरी तरह सही नहीं है कि बिना कड़ी मेहनत के कुछ नहीं मिलता। यह तभी काम करती है जब आप मेहनत सही जगह और सही तरीके से करते हैं। इसलिए हार्ड वर्क नहीं बल्कि स्मार्ट वर्क करने की कोशिश करें।

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दूरदर्शी सोच

 

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