Aarti Ganga Maiya Ki – ॐ जय गंगे माता आरती
Aarti Ganga Maiya Ki (ॐ जय गंगे माता) माँ गंगा को समर्पित एक अत्यंत पवित्र और लोकप्रिय आरती है।
गंगा नदी को हिन्दू धर्म में मुक्तिदायिनी, पापों का नाश करने वाली और मोक्ष प्रदान करने वाली देवी माना गया है।
यह आरती माँ गंगा की महिमा, उनकी कृपा और उनके पवित्र जल की शुद्धता का वर्णन करती है।
भक्त इस आरती को विशेष रूप से गंगा दशहरा, माघ स्नान, कार्तिक पूर्णिमा, और दैनिक पूजा के समय गाते हैं।
श्रद्धा से Aarti Ganga Maiya Ki गाने या सुनने से मन और आत्मा दोनों पवित्र हो जाते हैं और जीवन में शांति एवं सकारात्मकता आती है।
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Aarti Ganga Maiya Ki Lyrics (ॐ जय गंगे माता आरती)
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ॐ जय गंगे माता, जय श्री गंगे माता |
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता || ॐ जय …
चन्द्र-सी ज्योत तुम्हारी, जल निर्मल आता |
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता || ॐ जय …
पुत्र सगर के तारे, सब जग के ज्ञाता |
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता || ॐ जय …
एक ही बार जो तेरी, शरणगति आता |
यम की त्रास मिटा कर, परम गति पाता || ॐ जय …
आरती मात तुम्हारी, जो जन नित गाता |
दास वही जो सहज में, मुक्ति को पाता || ॐ जय …
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इस आरती में माँ गंगा की पवित्रता, करुणा और कृपा का गुणगान किया गया है।
माँ गंगा को पृथ्वी पर अवतरित करवाने का श्रेय राजा भगीरथ को जाता है, जिनकी भक्ति और तपस्या के कारण माँ गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरीं।
यह आरती हमें सिखाती है कि गंगा जल केवल नदी का जल नहीं, बल्कि वह दिव्य शक्ति का प्रतीक है जो आत्मा को पवित्र करती है।
जो भक्त श्रद्धा और प्रेम से Ganga Ji Ki Aarti करते हैं, उनके जीवन से पाप, भय और अशांति समाप्त होती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष:
Aarti Ganga Maiya Ki (ॐ जय गंगे माता) केवल एक आरती नहीं, बल्कि यह माँ गंगा के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धा का प्रतीक है।
गंगा जल का हर स्पर्श आत्मा को निर्मल करता है और भक्त को ईश्वर से जोड़ता है।
जो व्यक्ति नियमित रूप से इस आरती का पाठ करता है, उसके जीवन में शांति, समृद्धि और दिव्यता का संचार होता है।
जय माँ गंगे! 🕉️

