Hindi Alphabets हिन्दी वर्णमाला Hindi Varnamala स्वर्ण और व्यंजन की संपूर्ण जानकारी
Hindi varnamala – अंग्रेजी का अक्षर भी साइलेंट होता है, हमारी हिंदी की तो बिंदी भी बोलती है।
भारत देश में मुख्य रूप से बोली जाने वाली हिंदी एक प्रमुख भाषा है। हिंदी भाषा भारत के कोने कोने में बोली जाती है। आज के इस पोस्ट हिन्दी वर्णमाला (Hindi Varnamala) या Hindi Alphabet के बारे में विस्तार में पढ़ेंगे।
Hindi alphabets varnamala
दुनिया भर में लाखों भाषाएँ जाती है और बोली जाने वाली हर भाषा को लिखने या बोलने के कुछ नियम होते हैं। इन नियमों को हम व्याकरण के अंतर्गत पढ़ते हैं।
व्याकरण वह विद्या है जिससे किसी भी भाषा को शुद्ध शुद्ध लिखना पढ़ना बोलना समझना आ जाता है उसे हिंदी में व्याकरण और इंग्लिश में ग्रामर कहते हैं।
इस पोस्ट में हम आज हिन्दी वर्णमाला (Hindi Alphabets) के बारे में पढेंगे। हिन्दी वर्णमाला (Hindi Alphabets) क्या है, वर्ण (Letter) किसे कहते हैं, हिन्दी भाषा में कितने वर्ण होते हैं, स्वर और व्यंजन किसे कहते है तथा कितने स्वर व कितने व्यंजन होते हैं इत्यादि। आइये एक एक करके इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
Hindi Alphabet (हिन्दी वर्णमाला) hindi varnamala
Hindi Alphabets – Vowel (स्वर)
अ आ इ ई उ
ऊ ऋ ए ऐ ओ
औ अं अ:
Hindi Alphabets – Consonant (व्यंजन)
क ख ग घ ङ
च छ ज झ ञ
ट ठ ड ढ ण, ड़, ढ़
त थ द ध न
प फ ब भ म
य र ल व श
ष स ह क्ष त्र
ज्ञ
ऊपर दिया गया हिन्दी वर्णमाला हमें बचपन में स्कूलों में पढाया जाता है। हिंदी की शुरुवात ही इन्हीं वर्णमाला से ही होती है। इस पोस्ट में हम जानेंगे की हिन्दी वर्णमाला या Hindi Alphabets क्या हैं। हिंदी वर्णमाला में कितने स्वर और कितने व्यंजन होते हैं।
हिन्दी वर्णमाला (Hindi Alphabet) के भेद -hindi varnamala
वर्णमाला (Alphabets) – वर्ण+माला अर्थात वर्णों की माला। वर्णो या अक्षरों के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हर भाषा का अपना अलग एक वर्णमाला होता है जिसमे वर्णों यानि अक्षरों का एक व्यवस्थित समूह होता है।
वर्ण (Letter) क्या है?
हमारे मुख से निकली ध्वनियों के वे मौलिक और सूक्ष्मतम रूप जिन्हें और विभाजित नहीं किया जा सकता है, वे वर्ण कहलाते हैं। वर्ण के मौखिक रूप को ध्वनि तथा लिखित रूप को अक्षर कहा जाता है। जैसे – क् , ख्, ग् , अ, ए इत्यादि।
वर्ण के कितने भेद हैं?
वर्ण के मुख्यतः दो भेद होते हैं – १ स्वर , २ व्यंजन।
चलिए इनके बारे में विस्तार से समझते हैं –
स्वर –
स्वर किसे कहते हैं? हिन्दी व्याकरण में स्वर उन अखंड ध्वनियों को कहते है, जिनके उच्चारण करने के लिए अन्य किसी वर्ण की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर इसे सरल भाषा में कहें तो, स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण ही स्वर कहलाते हैं। स्वर का उच्चारण करने के लिए अधिकांशतः, कण्ठ और तालु का प्रयोग किया जाता है।
जिन वर्णों को बोलने के लिए कम भार दिया जाता है, उन्हें हृस्व कहा जाता है, तथा उनकी मात्रा १ होती है। अ, इ, उ, लृ, और ऋ ये ह्रस्व स्वर हैं। जिन वर्णों को बोलने के लिए अधिक जोर दिया जाता है, वे दीर्घ स्वर कहे जाते हैं, और उनकी मात्रा २ होती है। आ, ई, ऊ, ॡ, ॠ ये दीर्घ स्वर हैं।
हिन्दी भाषा में मुख्य रूप से ग्यारह स्वर होते हैं। ग्यारह स्वर के वर्ण : अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औ आदि हैं। हिन्दी भाषा में ऋ को आधा स्वर अर्थात अर्धस्वर माना जाता है, इसलिए इसे स्वर में शामिल किया गया है।
व्यंजन –
जिन वर्णों को बोलने के लिए दूसरे वर्ण की सहायता होती है वे व्यंजन कहलाते हैं
अथवा
इसे इस प्रकार भी कह सकते हैं जब प्राण वायु कंठ व मुख्य अवयवों से टकराती हुई बाहर निकलती है तो जो स्वर उत्पन्न होते हैं उसे व्यंजन कहते हैं जैसे -क, ख, ग आदि
प्रत्येक व्यंजन के उच्चारण के लिए स्वर की सहायता पड़ती है
इनकी संख्या कुल 33 है क से लेकर ह तक
व्यंजन के भेद-
व्यंजन के तीन भेद होते हैं
1. स्पर्श(Mutes)
2. अंतस्थ(Semi-Vowels)
3. ऊष्म(Sibilants)
4. संयुक्त व्यंजन
1. स्पर्श व्यंजन
इसके निम्नलिखित 5 वर्ग है और प्रत्येक वर्ग में 5 व्यंजन है –
क- वर्ग क ख ग घ
च- वर्ग च छ ज झ
ट- वर्ग ट ठ ड ढ ण
त-वर्ग त थ द ध न
प-वर्ग प फ ब भ म
2. अन्तः स्थ:
ये निम्नलिखित चार व्यंजन है
य ,र ,ल ,व
3. उष्म:
ये निम्नलिखित चार व्यंजन है
श, ष ,स ,ह
4. संयुक्त व्यंजन
ये निम्नलिखित चार होते हैं
क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
हिंदी में वर्णों (स्वर और व्यंजन दोनों ) की कुल संख्या 52 है, जिसमें 11 स्वर और 41 व्यंजन होते हैं। इन वर्णों के व्यवस्थित एवं क्रमबद्ध समूह को ही वर्णमाला कहा जाता है। वर्ण हिन्दी भाषा में प्रयुक्त होने वाली सबसे छोटी इकाई होती है।
hindi alphabets chart
हिन्दी वर्णमाला
वर्णों के समूह को ही वर्णमाला कहते हैं। मुख्य रूप से वर्णों के दो भेद होते हैं, पहला स्वर और दूसरा व्यंजन ।
व्यंजन वर्ग
क वर्ग – क , ख , ग , घ , डं
च वर्ग – च , छ , ज , झ , ञ
ट वर्ग – ट , ठ , ड , ढ , ण , ड़ , ढ़
त वर्ग – त , थ , द , ध , न
प वर्ग – प , फ , ब , भ , म
अंतः स्थल वर्ग – य , र , ल , व
उष्म वर्ग – श , ष , स , ह
संयुक्त वर्ग – क्ष , त्र , ज्ञ , श्र ,
गृहीत वर्ग – ज़ , फ़ ,ऑ
स्वर और व्यंजन में क्या अंतर है? –
1. स्वर वर्ण के उच्चारण में किसी दूसरे वर्ण की सहायता की आवश्यकता नहीं होती है जबकि व्यंजन के उच्चारण में स्वर सहायता लेनी पड़ती है । स्वर की संख्या 11 होती है जबकि व्यंजन की संख्या 41 होती है ।
हिन्दी वर्णमाला में स्वर किसे कहते है?
जिन वर्णों या अक्षरों के उच्चारण में वायु हमारे मुख से बिना की रुकावट या अवरोध के बाहर निकलती है तथा उन्हें बोलने के लिए किसी और वर्ण की आवश्यकता नहीं होती उन्हें स्वर कहते हैं।
हिन्दी वर्णमाला में व्यंजन किसे कहते हैं?
वे सभी वर्ण जिनके उच्चारण में वायु हमारे मुख से रुकावट या अवरोध से बाहर निकलती है, इन्हें बोलने के लिए स्वर वर्ण की आवश्यकता पड़ती है , उन्हें ही व्यंजन कहा जाता है जैसे- क, ख, ग, घ…इत्यादि ।
हिन्दी वर्णमाला में कितने स्वर तथा कितने व्यंजन होते हैं?
हिन्दी वर्णमाला में बोली के आधार पर कुल 45 वर्ण होते होते हैं, जिनमे 10 स्वर तथा 35 व्यंजन होते हैं, और लेखन के आधार पर कुल 52 वर्ण होते हैं जिनमे 13 स्वर और 35 व्यंजन व 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।