नाकाम सपने
कोशिशे चुपचाप करता हूँ सदा सपनो को पाने के लिए
चाह है कुछ कर दिखाऊ इस बिगड़े ज़माने के लिए
पर सोचता हूँ सपने मेरे साकार होंगे या...
न थकेंगे न रुकेंगे
न थकेंगे न रुकेंगे बढ़ते जायेंगे कदम,
रोक ले जो अब हमें इतना नहीं है किसी में दम,
मंजिले हो दूर कितनी, पहुंचकर दिखलायेंगे,
बाधाएं आयेंगी पथ...
ये कैसा आज है
ये कैसा आज है ,ये कैसा आज है ?
न *कल का कोई गीत है, न *कल का कोई मीत है
न *कल की आज प्रीति...