मजेदार हिंदी कहानियां

मजेदार हिंदी कहानियां

क्या आप भी हिंदी कहानियां (Kahani) पढ़ना पसंद करते है और आप हिंदी कहानियां तलाश रहे हैं। इस लेख में आपको बहुत सी कहानियां (Kahani) मिलने वाली हैं जो आपको बेहद पसंद आने वाली हैं।

आइये एक एक करके पढ़ते हैं हिंदी कहानियां (hindi kahani)

Hindi Kahani

1-  गाने वाली बुलबुल

(Kahani)

Kahani gyanhans


बहुत समय पहले की बात है, एक राजा था। राजा का एक विशाल महल था, उसके महल के पास में ही एक जंगल था। उस जंगल में एक बुलबुल रहती थी, वह बुलबुल बहुत ही मीठी आवाज में गाती थी।

राज को उस बुलबुल की आवाज बहुत पसंद थी। एक दिन राजा ने अपने मंत्री को उस बुलबुल को राजदरबार में  लाने का आदेश दिया। मंत्री जंगल में गया और किसी तरह उसे पकड़ कर एक पिंजरे में बंद कर राजा के सामने बुलबुल को लाया गया।

इस तरह पिजड़े में कैद हो जाने के कारण बुलबुल उदास हो गई। उसने खाना-पीना-गाना सब कुछ छोड़ दिया। इस तरह कई दिन व्यतीत हो गए। एक दिन रानी को बुलबुल पर दया आई और उसने पिंजरा खोल दिया। बुलबुल उड़ती हुई वापस जंगल में चली गई।

राजा बुलबुल के संगीत का दीवाना था। उसने मंत्री से कोई दूसरी चिड़िया लाने के लिए कहा। ऐसी चिड़िया मिलना बहुत मुश्किल था तो मंत्री ने राज्य के शिल्पकार से हू-ब-हू वैसी ही मिट्टी की बुलबुल बनवाई जो गाना भी  गाती थी।

मंत्री उसे राजा के महल में लेकर आया।  उसे पाकर राजा बहुत खुश हुआ। राजा हर रात सोने से पहले उसका गाना सुनता था।

एक दिन मिट्टी की वह चिड़िया गिरकर टूट गई। इससे राजा बहुत उदास हो गया और बीमार रहने लगा। एक दिन रानी के एहसान के बदले वही बुलबुल आई और खिड़की पर बैठकर गाने लगी।

बुलबुल की आवाज सुनकर राजा ठीक होने लगा। धीरे धीरे वह बहुत स्वस्थ हो गया। अब प्रतिदिन रात को बुलबुल आती, गाना गाती और राजा को सुलाकर वापस जांगले में चली जाया करती थी।

शिक्षा : स्वतंत्रता अनमोल है।

2- आत्मा की आवाज 

(Kahani)

bachho ki kahani gyanhans

बहुत समय पहले की बात है एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था । वह ब्राह्मण गरीब होते हुए भी सच्चा और ईमानदार था । ईश्वर में आस्था रखने वाला था । वह प्रतिदिन सुबह उठकर गंगा में स्नान करने जाया करता था । नहाने धोने के पश्चात् पूजा पाठ किया करता था । एक दिन वह रोज की तरह गंगा में स्नान करने गया स्नान करके वापस जब वह वापस घर जा रहा था, तो रास्ते में उसे एक लिफाफा दिखाई दिया ।

उसने वह लिफाफा उठा लिया लिफाफे को जब उसने खोल कर देखा तो वह आश्चर्य चकित हो गया वह लिफाफा नोटों से भरा हुआ था ।

रास्ते में उसने उन नोटों को गिनना उचित नही समझा, और लेकर घर चला गया।  घर जाकर उसने लिफाफा खोला लिफाफे में पूरे 20000 रुपए थे । पहले तो उसने सोचा की भगवान ने उसकी सुन ली लेकिन कुछ समय बाद उसने सोचा ये किसी गरीब के पैसे हो सकते हैं । और उसने बड़ी मेहनत से इक्क्ठा किये होंगे। मुझे इन पैसों को उसे लौटा देना चाहिए। यह सोच कर वह गांव के सरपंच के घर की ओर चल पड़ा ।

जब वह सरपंच के घर पंहुचा तो वहां एक आदमी जोर जोर से रो रो कर अपने पैसे खोने की बात सरपंच को बता रहा था । गरीब ब्राह्मण सब कुछ समझ गया और उसने उस आदमी के पैसे लौटा दिए। पैसे पाकर वह आदमी बहुत खुश हुआ।  आदमी ने ब्राम्हण को धन्यवाद दिया। गरीब ब्राह्मण वापस अपने घर आ गया, उसे इस बात की ख़ुशी हुई की उसकी आत्मा की आवाज की जीत हुई ।

शिक्षा – हमारी अंतरात्मा हमें सही कार्य करने के लिए संकेत अवश्य देती है ।

Hindi Kahani

3- राजा का हाथी

(Kahani)

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एक समय की बात है एक लड़का एक जमीदार के  यहाँ  काम  करता था । वह जमीदार उससे दिन रात काम करवाता था। वह लड़का उस जमीदार से परेशान  हो गया था। एक दिन लड़का योजना बनाकर  जमीदार के यहाँ  से भाग निकला । भागते भागते वह एक जंगल में पहुँच गया और वहाँ आराम करने लगा।  थोड़ी देर बाद उसे एक हाथी दिखाई दिया । जो  जोर जोर से चिल्ला रहा था, वह हाथी के पास गया उसने देखा की हाथी के पैर में काँच चुभा हुआ था ।

उसने हाथी के पैर से  काँच के टुकड़े को निकाला। कांच का टुकड़ा निकलने के बाद हाथी ने चिल्लाना बंद कर दिया और वहां से चला गया। और वह लड़का एक गाँव  की तरफ चल पड़ा, जब वह एक अनजान गाँव पहुचा तो गॉव वालो ने उसे चोर समझ के बंधक बना लिया ।

सुबह उसे राजा के सामने पेश किया गया, राजा ने उसे हाथी से मरवाने  का आदेश दे दिया सुबह उसे हाथी के सामने  लाया  गया, हाथी ने उसे  मारने की वजाए अपनी सूड़ से उठा कर अपने ऊपर बिठा लिया, ये सब देख कर राजा हैरान  गया। यह वही हाथी था, जिसके पैर से लड़के ने कांच के टुकड़े को निकाला  था।

राजा ने उस लड़के को बुलाया और उससे सारी बात पूछी, लड़के ने अपनी सारी बात सच सच बता दिया।  राजा ने खुश होकर लड़के को  ईनाम दिया और अपने राज्य में रख  लिया ।

शिक्षा -किसी का भला करने से कुछ ना कुछ अवश्य प्राप्त होता है ।

 

4- एक साल किसने देखा है

(Kahani)

bachho ki kahani kahani

एक बार एक राजा था उसकी एक आदत थी वो छोटी सी गलती पे फ़ासी की सजा सुना देता था। लेकिन उस की एक खासियत भी थी वो मरने वाले से उसकी अंतिम इच्छा जरूर पूछता था। एक बार उसके मंत्री से कोई गलती हो गयी तो राजा ने बिना सोचे समजे उससे फांसी की सजा सुना दी।

जब मंत्री को फ़ासी पर लटकाया जा रहा था तो उससे उसकी अंतिम इच्छा पूछी गयी तो मंत्री ने बोले की महाराज मुझे घोड़ो को पंख लगाने की एक विद्या आती है,  मरने से पहले आप के घोड़े को पंख लगाना चाहूंगा। और इसमें मुझे एक साल लग जाएगा।  राजा ने ये सोच कर हाँ करदी की अगर उस के घोड़े को पंख लग जाए, तो उसकी पूरे संसार में बहुत प्रशंसा होगी।

राजा ने उसे एक साल का समय दे दिया। मंत्री की पत्नी ने मंत्री से पूछा एक साल बाद क्या होगा, तो मंत्री ने कहा -एक साल किसने देखा है क्या पता राजा का घोडा मर जाए या राजा मर जाए या फिर कोई इस राज्य में अपना अधिकार जमा ले। इतना कह कर मंत्री वापस राजमहल में चला गया।

शिक्षा – यह कोई नहीं जानता की आने वाले वक्त में क्या होगा ।

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5- ब्राम्हण और बकरी 

(Kahani)

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बहुत समय समय पहले की बात है, एक ब्राह्मण एक राजा के यहां अनुष्ठान करवा रहे थे। अनुष्ठान पूरा होने के पश्चात राजा ने उस ब्राह्मण महोदय को एक बकरी भेंट में दिया। ब्राह्मण बहुत प्रसन्न हुआ और बकरी को लेकर अपने घर की ओर चल पड़ा। रास्ते में चलते चलते उन्हें तीन ठग देख लेते है और ब्राह्मण से उसकी बकरी छीनने की योजना बनाते हैं।

तीनो ठग एक सुनसान रास्ते में बैठ गए और उस ब्राम्हण के आने का इंतजार करने लगे। जब ब्राह्मण उस रास्ते से निकला, तब एक ठग उसके पास आकर बोला, हे ! ब्राह्मण महोदय इस कुत्ते को आप सर पर रखकर क्यों ले जा रहे हो ? तब ब्राह्मण ने उससे कहा – मूर्ख तुझे बकरी कुत्ता नजर आ रही है।

और इतना कहकर ब्राह्मण आगे की ओर चल पड़ा। कुछ दूर जाने के पश्चात दूसरा ठग ब्राह्मण के पास आया और बोला, महोदय आप इस गधे के ऊपर बैठने के बजाये इसे सर पर बैठा के क्यों ले जा रहे है, ये सुनकर ब्राह्मण ने उस बकरी को नीचे उतार कर देखा और उस ठग से बोला – तुझे ये बकरी गधा दिख रही है, मूर्ख  कही का। इतना कहकर ब्राह्मण वापस आगे की ओर चल पड़ा।

कुछ दूर चलने के पश्चात तीसरा ठग मिला और उसने बोला – श्री मान आप इस टट्टू को लेकर कहा जा रहे है, इतना सुनकर ब्राह्मण ने सोचा कि ये बकरी जरूर कोई पिशाचनी है जो बार बार अपना रूप बदल रही है। यह सचकर वह ब्राह्मण  भयभीत हो गया और उस बकरी को वही छोड़ कर भाग गया।

ब्राम्हण के जाने के पश्चात् तीनो ठगो ने उस बकरी को पकड़ लिया। इस प्रकार उनकी योजना काम कर कर गयी।

शिक्षा -हमें किसी और की बातों में आने से पहले स्वयं उस पर अच्छे से विचार करना चाहिए और स्वयं पर विश्वाश करना चाहिए।

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6- किसान और चिड़िया

(Kahani)

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एक गांव में एक बहुत ही मेहनती किसान था, कड़कती धुप में उसने और उसके परिवार ने बहुत मेहनत की इसके फल स्वरूप बहुत अच्छी फसल हुई फसल देखकर उसकी छाती फूलकर चौड़ी हो गयी । क्योंकि फसल काटने का समय आ चूका था। इस बीच उसके खेत में एक चिड़िया ने घोसला बना लिया।  एक दिन किसान ने  अपने बचों से कहा की जाओ अपने सब रिश्तेदारो को निमंत्रण दे आओ  वे सब अगले सोमवार फसल काटने में हमारी मदद  करें।

किसान के बच्चो ने अपने सभी रिश्तेदारो  को निमंत्रण दे दिया । इस बीच चिड़िया का एक बच्चा बोला माँ अगर ये सब सारी फसल काट देगे तो हम सब कहाँ रहेंगे।

चिड़िया ने बच्चो से कहा तुम चिंता मत करो जब वो आयेगे तब देखेगे, जो इंसान दूसरों के सहारे रहता है उसकी कोई मदद नही करता । आखरी समय बीत गया कोई रिश्तेदार नही आया । किसान बहुत निराश हुआ । इस बार किसान ने अपने बच्चो को  से कहा तुम अपने मित्रो को बुलाओ उनको कहना की अगले शानिवार को हमारी फसल काटने में मदद करे !

फिर चिड़िया के बच्चो ने वही बात दोहराई । चिड़िया बोली तुम चिंता मत करो कोई नही आयेगा। और वैसा ही हुआ  कोई नही आया । किसान ने अपने बच्चो से कहा मुझे लगता है सब हमसे ईर्ष्या करते है इसलिए कोई हमारी मदद के लिए नही आया ।
अब तुम सब जाओ और बाजार से फसल काटने का सामान ले आओ। अब हम सब मिलकर अपनी फसल स्वयं काटेंगे। तब चिड़िया बोली चलो बच्चो अब हमारे जाने का समय हो चुका  है । क्योंकि जब तक इंसान अपना काम स्वयं नही करता है । और ददूसरों पर भरोसा रखता है तब तक वो काम कभी ख़त्म नही होता है । चूँकि अब किसान ने काम स्वयं करने का निर्णय ले लिया है तो अब हमे यहां से जाना चाइये । क्योंकि वह अब अपनी फसल काटेंगे।

शिक्षा – अपना काम स्वयं ही करना चाहिए

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7- राजा का उत्तराधिकारी  

(Kahani)

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एक बहुत बड़े राज्य में एक बुद्धिमान राजा था। राजा की प्रजा हर तरह से बहुत खुशहाल थी। उन्हें किसी प्रकार से कोई कमीं नहीं थी। वक्त के साथ राजा बूढ़ा हो गया था। अब राजा को अपने उत्तराधिकारी की तलाश थी।

राजा के तीन बेटे थे। राजा पुरानी परंपरा को नहीं निभाना चाहता था कि केवल सबसे बड़े बेटे को ही गद्दी पर बिठाया जाए। राजा अपने सबसे काबिल और बुद्धिमान बेटे को ही सत्ता सौंपना चाहता था।

इसलिए राजा ने गद्दी के लिए योग्य उत्तराधिकारी पाने के लिए तीनों की परीक्षा लेने का फैसला किया।

परीक्षा लेने के लिए राजा ने तीनों बेटों को अलग-अलग दिशाओं में भेजा। और जाने से पहले उसने अपने प्रत्येक पुत्र को सोने का एक-एक सिक्का देते हुए कहा, कि वे इस सिक्के से ऐसी चीज खरीदें, जिससे पूरा महल भर जाये।

पहले बेटे ने सोचा कि पिता जी तो सठिया चुके हैं। इतने थोड़े से पैसे से भला इस महल को किस चीज से भरा जा सकता है। इसलिए उसने अपना पैसा मदिरा पान में खर्च कर डाला।

दूसरे बेटे को कोई इतनी सस्ती चीज नहीं दिखी जिससे महल को भरा जाये। उसने सोचा शहर में सबसे सस्ता तो कूड़ा – कचरा ही है। इसलिए उसने महल को कचरे से भरने का फैसला किया, परन्तु उससे भी पूरा महल नहीं भर पाया।

तीसरे बेटे ने एक दो दिन तक इस पर बहुत विचार किया कि महल को सिर्फ एक सिक्के से कैसे भरा जा सकता है? वह सचमुच कुछ ऐसा ही करना चाहता था जिससे पिता की उम्मीद पूरी हो।

वह बाजार गया और वहां से मोमबत्तियां और लोबान की बतियां खरीदी और उनसे पूरे महल को रोशनी और सुगंध से भर दिया।

राजा को इस तीसरे बेटे की बुद्धिमानी से बहुत प्रशन्नता हुई और उन्होंने उसे अपना उत्तराधिकारी बनाया।

शिक्षा –कहानी से यह सीख मिलती है कि बुद्धि से कुछ भी पाया जा सकता है।

Hindi Kahani

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