आरती कुंजबिहारी की
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला...
ॐ जय श्री कृष्ण हरे
ॐ जय श्री कृष्ण हरे, प्रभु जय श्री कृष्ण हरे ।
भक्तन के दुःख सारे, पल में दूर करे ॥ ॐ जय…
परमानन्द मुरारी , मोहन गिरधारी...
आरती हनुमान जी की
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ आरती…
जाके बल से गिरिवर कांपै ।
रोग दोष जाके निकट न झाँपै ॥ आरती…
अंजनी पुत्र महा बलदाई...
ॐ जय जगदीश हरे
ॐ जय जगदीश हरे om jai jagdish hare
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥ ॐ जय...
भगवान शिव जी की आरती
ॐ जय शिव ओंमकारा, स्वामी हर शिव ओंमकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, अर्धांगी धारा ॥ ॐ जय…
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसासन गरुड़ासन, वृष वाहन साजे ॥ ॐ जय…
दो...
आरती गंगा मैया की
ॐ जय गंगे माता, जय श्री गंगे माता |
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता || ॐ जय …
चन्द्र-सी ज्योत तुम्हारी, जल निर्मल आता |
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता || ॐ जय …
पुत्र सगर के तारे, सब जग के ज्ञाता |
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता || ॐ जय …
एक ही बार जो तेरी, शरणगति आता |
यम की त्रास मिटा कर, परम गति पाता || ॐ जय …
आरती मात तुम्हारी, जो जन नित गाता |
दास वही जो सहज में, मुक्ति को पाता || ॐ जय …