दो भाई – एक छोटी सी कहानी

Do Bhai  दो भाई 

Do Bhai gyanahans

Do Bhai  दो भाई 

एक समय की बात है, दो भाई रहते थे ,उनमे आपस में बहुत प्रेम था। दोनों  दूसरे को इतना प्रेम करते थे की उनके दिन की शुरुआत एक दूसरे को देखे बिना नहीं होती थी। दोनों भाई धान्य से सम्पन्न होने के कारण उनके बीच किसी तरह का कोई भी आपसी मतभेद बिलकुल न था। उनका जीवन बड़े उल्लास के साथ बीत रहा था।

एक दिन की बात है दोनों की किसी जमीनी विवाद को लेकर आपसे में बहुत ज्यादा लड़ाई हो गयी। दोनों में आपसी बोल चाल बंद हो गया। वक्त बीतता गया, दिन महीने में, महीने साल में बाल गए लेकिन दोनों एक दूसरे से बात करना तो दूर वो एक दूसरे का मुँह देखना भी पसंद नहीं करते थे। इस आपसी विवाद के कारण उनका परिवार दो समूहों में बट गया। उनके बेटे उनकी पत्निया कोई भी आपस में बात नहीं करता था।

एक बार की बात है, दोनों भाइयों का परिवार एक सत्संग में जाते है। वे वहां बैठकर सत्संग सुन रहे थे। तभी अचनाक बारिश आ गयी, और वहां उपस्थित सभी लोग एक किनारे आकर खड़े हो जाते है। छोटा भाई भी जहाँ सारी चप्पलें पड़ी थी वही खड़ा हो गया। तभी अचनाक उसकी नजर अपनी और अपने भाई की चम्पलों पर पड़ी, जो बारिश में भीग रही थीं। वह पहले अपनी चम्पल ना उठा कर अपने  भाई की चम्पल उठाकर सूखी जगहा रख दिया। ये सब दूसरी तरफ खड़ा दूसरा भाई देख रहा था। यह सब देखकर बड़े भाई की आँखो में आँसू आ गए।

वह अपने भाई के पास गया और बोला की तू ही मेरा सच्चा भाई है मुझे आज पता चल गया है की जो केवल मेरी चम्पलों के प्रति इतना आदर रखता है वो मेरे प्रति कितना रखता होगा। आखिर भाई भाई का खून का रिश्ता तो खून का ही होता है। उस छोटे से हादसे ने दोनों भाइयों के बीच के मतभेद को ख़तम दिया। दोनों भाई और उनका परिवार पहले की तरह एक साथ बड़े ही प्रेम भाव जीवन यापन करने लगा। दोस्तों आपस में चाहे कितनी भी नाराजगी क्यों ना हो लेकिन भाई दूसरे दूसरे भाई को कभी भी दुखी नहीं देख सकते हैं।

इस दुनिया का यही नियम है की किसी की उन्नति से केवल उसके माता पिता और परिवार के लोग ही खुश होते हैं, बाकी सब लोग ईर्ष्या भरे मन से केवल प्रसन्नता का ऊपरी दिखावा करते हैं। इसलिए हमेशा अपने परिवार को एक साथ लेके चलें क्योंकि सयुक्त रहोगे तो आप को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकेगा। और आपकी और आपके परिवार की तरक्की को कोई रोक नहीं पायेगा।

Do Bhai  दो भाई

आप को हमारी यह छोटी सी कहानी कैसी लगी, कमेंट करके अवश्य  बतायें।

काबिलियत  

 

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