👑 राजा और झूठ बोलने की प्रतियोगिता – मजेदार लघु कहानी
एक बार एक राजा ने मनोरंजन हेतु अपने मंत्री से कहा कि हमारे राज्य में जो सबसे ज्यादा झूठ बोलने वाले व्यक्ति हैं उन्हें बुलाया जाये, और उनके बीच झूठ बोलने की प्रतियोगिता कराइ जाये। जो व्यक्ति सबसे ज्यादा झूठ बोलेगा, उसे इनाम दिया जायेगा।
झूठ बोलने वाले कई व्यक्ति सभा में एकत्रित हो गए। राजा ने प्रतियोगिता शुरू करने के लिए कहा। सभी व्यक्ति बारी बारी से झूठ बोलने लगे।
एक ने कहा महाराज मैंने देखा अचानक नदी में आग लग गयी और सारा पानी सूख गया। राजा ने उसे इशारे में बैठने के लिए कहा। शायद राजा को यह बात उतनी झूठी न लगी।
फिर दूसरे ने कहा महराज मैं तालाब में नहाने गया। मुझे देखते ही तालाब की सारी मछलियां पेड़ पर चढ़ गयीं।
तीसरा उठा उसने कहा महराज एक बार मैंने देखा आसमान से पानी की जगह आग बरस रही थी। राजा को यह बात भी उतनी झूठी न लगी।
फिर चौथे व्यक्ति के कहा महाराज मैं एक बार रास्ते से जा रहा था तो मैंने देखा वहां उस रास्ते के किनारे पर चार औरतें बैठीं थीं, परन्तु वहाँ बहुत शांति थी कोई आवाज नहीं आ रही थी।
राजा ने कहा बस – तुम ही सबसे बड़े झूठे हो। जहाँ चार औरतें बैठी हो वहां शांति हो ऐसा हो ही नहीं सकती। तुम ही इस प्रतियोगिता के विजेता हो।
राजा ने उस व्यक्ति को पुरस्कार देकर उस प्रतियोगिता को सम्पन्न किया।
📜 कहानी से सीख (Moral of the Story):
- हास्य में भी जीवन की सीख होती है – कभी-कभी मजाक हमें सच की अहमियत समझाता है।
- अत्यधिक झूठ असंभव लगता है – झूठ जितना बढ़ता है, हकीकत से उसका मेल टूटता जाता है।
- सच की कीमत – झूठी बातें मनोरंजन तो कर सकती हैं, लेकिन वास्तविक जीवन में सच ही सम्मान दिलाता है।

