कौआ और लोमड़ी की कहानी Story of crow and fox
Story of crow and fox – एक बार एक भूखी लोमड़ी भोजन की तलाश में जंगल में भटक रही थी। तभी गुजरते हुए उसकी नजर एक ऊँचे पेड़ की डाली पर बैठे कौए पर पड़ी। वह ठिठक कर रुक गयी। ऐसा नहीं था कि लोमड़ी ने कौवे को पहले नहीं देखा था। लेकिन जिस चीज ने उनका ध्यान खींचा, वह थी कौवे की चोंच में दबी रोटी का एक टुकड़ा।
‘कहीं और जाने की जरूरत नहीं है, यह रोटी अब मेरी है।’ – चालाक लोमड़ी ने मन ही मन सोचा और पेड़ के नीचे खड़ी हो गई। फिर उसने मधुर स्वर में सिर उठाकर कौवे से कहा, “सुप्रभात मेरे प्यारे दोस्त।”
लोमड़ी की आवाज सुनकर कौवे ने अपना सिर नीचे किया और लोमड़ी की तरफ देखा। लेकिन उसने अपनी चोंच को कसकर बंद रखा और लोमड़ी के अभिवादन का कोई जवाब नहीं दिया।
“तुम बहुत सुंदर दोस्त हो…” लोमड़ी ने मिठास भरी आवाज में कहा, “देखो तुम्हारे पंख कैसे चमक रहे हैं? मैंने तुम्हारे जैसा सुंदर पक्षी कभी नहीं देखा। तुम दुनिया के सबसे खूबसूरत पक्षी हो। मुझे ऐसा लगता है कि तुम पक्षियों के राजा हो।
कौवे ने आज तक अपनी इतनी प्रशंसा कभी नहीं सुनी थी। वह बहुत खुश हुआ और गर्व से सर हिलाया, लेकिन उसने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी।
इधर लोमड़ी कोशिश करती रही, और फिर से बोली “दोस्त! मुझे आश्चर्य है कि जो पक्षी इतना सुन्दर है उसकी आवाज कितनी सुरीली होगी ? क्या तुम मेरे लिए एक गाना गा सकते हो?”
लोमड़ी के मुंह से उसकी आवाज की तारीफ सुनकर कौआ रुक नहीं सका। वह गाना गाने के लिए तैयार हो गया। लेकिन जैसे ही उसने गाना गाने के लिए अपना मुंह खोला, उसकी चोंच में दबी रोटी का टुकड़ा छूटकर नीचे गिर गया।
नीचे मुंह खोलकर खड़ी लोमड़ी इसी फ़िराक में थी। रोटी के गिरते ही वह उस पर झपटी और वहां से चल पड़ी।
सीख –
“चापलूसों से सदा दूर रहना चाहिए, क्योंकि वे अपना उल्लू सीधा करने के लिए ही चापलूसी करते हैं।”