सच्ची दोस्ती – उत्कृष्ट मित्रता की कहानी True Friendship – Story of Excellent Friendship
वे दोनों आगे बढ़ते रहे और कुछ समय बाद उन्हें एक नखलिस्तान मिला। वहां उन्होंने ठहरने और पानी पीने का निर्णय लिया। नखलिस्तान के झील में नहाते समय, वह मित्र जिसने रेत पर लिखा था, अचानक डूबने लगा। उसके दोस्त ने तुरंत अपनी जान की बाजी लगाकर उसे बचाया। जब वह मित्र डूबने से उबर आया, तो उसने पत्थर पर लिखा, “आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मेरी जान बचाई।”
जिस मित्र ने पहले थप्पड़ मारा था और बाद में अपने दोस्त की जान बचाई थी, उसने पूछा, “जब मैंने तुम्हें थप्पड़ मारा, तब तुमने रेत पर लिखा और अब जब मैंने तुम्हें बचाया, तब तुमने पत्थर पर लिखा। ऐसा क्यों?”
दूसरे मित्र ने मुस्कराते हुए उत्तर दिया, “जब कोई हमें चोट पहुंचाता है, तो हमें उस दर्द को लंबे समय तक नहीं रखना चाहिए, इसलिए मैंने उसे रेत पर लिखा ताकि समय के साथ वह मिट जाए। लेकिन जब कोई हमारे लिए कुछ अच्छा करता है, तो हमें उसे हमेशा याद रखना चाहिए, जैसे कि पत्थर पर उकेरे गए संदेश को कुछ भी मिटा नहीं सकता।”
इस कहानी का नैतिक संदेश है कि जीवन में जो भी अच्छा होता है, उसे हमेशा याद रखना चाहिए और बुरी यादों को भूल जाना चाहिए। सच्ची दोस्ती वही होती है, जो बुरे समय में भी साथ दे और अच्छे समय को हमेशा संजो कर रखे।
वे दोनों मित्र एक-दूसरे को देखकर मुस्कराए और फिर से अपनी यात्रा पर निकल पड़े, एक नई सोच और नये विश्वास के साथ। उन्होंने सीखा कि सच्ची मित्रता में कुछ भी स्थायी नहीं होता सिवाय एक-दूसरे के प्रति सम्मान और प्यार के। थप्पड़ की बात रेत पर लिखी गई थी, लेकिन मित्रता की गहराई पत्थर पर उकेरी गई थी, जिसे कभी मिटाया नहीं जा सकता। और इस तरह, वे दोनों अपनी मित्रता की मिसाल कायम करते हुए आगे बढ़ते रहे, एक-दूसरे का सहारा बनकर, एक-दूसरे के साथ हर मुश्किल का सामना करते हुए।