आदिपुरुष के विवादित डायलॉग Controversial dialogues of Adipurush
आदिपुरुष को सिनेमा हॉल में रिलीज़ किया गया है और कुछ प्रशंसक आनंद ले रहे हैं और कुछ खराब वीएफएक्स और कॉस्ट्यूम डिज़ाइन के लिए फिल्म की आलोचना कर रहे हैं ।
इस फिल्म को देखकर ऐसा लग रहा है कि इसे बनाते समय मेकर्स ने क्या सोचा ? आखिर क्यों हो रहा है इतना विवाद आदिपुरुष को लेकर आइये जानते हैं इसके बारे में –
सबसे पहले बात करते हैं इसके किरदार की-
- इस फिल्म में फिल्म निर्माता और फिल्म क्रू को भूत, पिसाच, दैत्य, दानव और राक्षस के बीच का अंतर नहीं पता था।
- रावण को एक चपरी स्टाइल में तैयार कर दिया है जो 2017-18 से लोकप्रिय चपरी शैली में अपने बाल और दाढ़ी रखता है।
- मेघनाथ को यूरोपीय वाइकिंग्स के रूप में दिखाया गया है।
- बजरंगबली को ऐसा लुक दिया गया है जैसे वह सऊदी अरब के बजरंगबली हों।
- राजा राम की भूमिका निभाने वाले प्रभाष एक पल के लिए भी मर्यादा पुरुषोत्तम राम की तरह नहीं दिखते, लेकिन वे भीम के वल्लभ अवतार के रूप में दिखाई दे रहे थे जो विराट नगरी में अपने अज्ञातवास के दौरान भीम ने वल्लभ, रसोइया का रूप धारण किया।
- इस फिल्म में रावण के प्रसिद्ध पुष्पक विमान को इन लोगों ने ड्रैगन से बदल दिया है, रावण ड्रैगन की सवारी करता है।
- राम और लक्ष्मण बाण और धनुष रखने के लिए चमड़े की वस्तु का उपयोग कर रहे हैं!
- दक्षिण भारत और श्रीलंका में बर्फ और ओले गिर रहे हैं,
इस फिल्म में शुरुवात से लेकर अंत तक केवल त्रुटियाँ हैं, मैंने कुछ लिखा है जो अब तक मेरे दिमाग में था, मुझे नहीं पता कि बनाने वाले ने ऐसी फिल्म क्यों बनायीं और अगर बनायीं तो क्या सोच कर बनायी है।
इसके अलावा लोग आदिपुरुष के संवादों से नाराज़ हैं, आदिपुरुष में बहुत सारे संवाद हैं, जो इस भारतीय महाकाव्य कहानी के लिए उपयुक्त नहीं है। आदिपुरुष निर्माताओं ने इसे एक आधुनिक रामायण बनाने की कोशिश की लेकिन भारतीय महाकाव्य को बर्बाद कर दिया।
आइये जानते हैं आदिपुरुष के विवादित डायलॉग Controversial dialogues of Adipurush-
“कपडा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, आग तेरे बाप की और जलेगी भी तेरे बाप की।”
“तेरी बुआ का बागीचा है क्या, जो हवा खाने चला आया।”
“जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे उनकी लंका लगा देंगे।”
“आप अपने काल के लिए कालीन बीच रहे हैं।”
“मेरे एक सपोले ने तुम्हारे शेषनाग को लंबा कर दिया, अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है।”
“हम जन्म से नहीं कर्म से छोटे या बड़े होते हैं।”
“राघव ने मुझे पाने के लिए शिव धनुष तोड़ा था, अब उन्हें रावण का घमंड तोडना होगा।”
“आज मेरे लिए मत लड़ना, उस दिन के लिए लड़ना, जब इतिहास में तुम्हारा नाम सुनते ही सम्मान से सर झुक जाएंगे।”
“आगे बढ़ो और गाड़ दो अहंकार की चाटी में विजय का भगवा ध्वज।”
“ब्रह्माण्ड में जो भी पाने लायक है वो तू पा चुका है, फिर भी तू राक्षस ही है।”
“जानकी में मेरे प्राण बस्तें हैं और मर्यादा मुझे अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय है।”
“पाप कितना बलवान क्यों ना हो, अंत में जीत सच की ही होती है।”
“तेरी लंका में इतना सोना नहीं कि जानकी का प्रेम खरीद सके।”
यदि आपने भी आदिपुरुष फिल्म देखा है तो अपने पसंदीदा संवाद कमेंट करके जरूर बतायें।