Saturday, December 6, 2025

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महात्मा गांधी पर सरल हिंदी में निबंध | Essay on Mahatma Gandhi in Hindi

महात्मा गांधी पर सरल हिंदी में निबंध | Essay on Mahatma Gandhi in Hindi

Essay on Mahatma Gandhi in Hindi : महात्मा गांधी, जिन्हें हम सभी प्यार से बापू और राष्ट्रपिता कहते हैं, भारत के सबसे महान नेताओं में से एक थे। उन्होंने दुनिया को दिखाया कि बिना हिंसा के भी बड़े से बड़ा अन्याय खत्म किया जा सकता है। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था, उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है जो आगे चलकर पूरे विश्व के लिए शांति और सत्य का प्रतीक बन गए।

✔ परिवार और बचपन

गांधी जी की माता पुतलीबाई धर्मपरायण और बेहद सरल स्वभाव की थीं। उनका जीवन उपवास, पूजा और सेवा में बीतता था। इन्हीं संस्कारों का गहरा प्रभाव गांधी जी पर पड़ा। उनके घर में वैष्णव परंपरा के साथ-साथ जैन धर्म के विचार भी प्रचलित थे, इसलिए गांधी जी ने बचपन से ही अहिंसा, सत्य और सादगी को अपने जीवन में अपनाया।

✔ विद्यार्थी जीवन

गांधी जी पढ़ाई में औसत जरूर थे, लेकिन वह बहुत ईमानदार और अनुशासनप्रिय थे। वह अक्सर अपने पिता की सेवा करते और माँ के घरेलू कामों में हाथ भी बंटाते थे। उन्हें अकेले घूमना और शांत माहौल पसंद था। स्कूल के समय में उन्होंने सत्य बोलने और बड़ों का सम्मान करने की आदत अपनाई।

केवल 13 साल की उम्र में उनका विवाह कस्तूरबा गांधी से हुआ। आगे चलकर कस्तूरबा उनकी साथी, सहयोगी और प्रेरणा बन गईं।

✔ युवावस्था और इंग्लैंड की यात्रा

मैट्रिक पास करने के बाद गांधी जी ने भावनगर के सामलदास कॉलेज में पढ़ाई शुरू की, लेकिन अंग्रेजी माध्यम के कारण उन्हें कठिनाई होने लगी। परिवार ने सलाह दी कि अगर उन्हें अच्छा भविष्य बनाना है, तो उन्हें बैरिस्टर बनना चाहिए। इसी उद्देश्य से वह 1888 में इंग्लैंड गए और ‘इनर टेंपल’ में कानून की शिक्षा प्राप्त की।

इंग्लैंड में रहते हुए उन्होंने सरल जीवन, शाकाहार और आत्मअनुशासन को और मजबूती से अपनाया।

✔ दक्षिण अफ्रीका में अन्याय के खिलाफ संघर्ष

कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद गांधी जी दक्षिण अफ्रीका गए। वहां भारतीयों के साथ हो रहा भेदभाव देखकर वह विचलित हुए। 1906 में एक अपमानजनक कानून के खिलाफ गांधी जी ने भारतीयों को एकजुट किया। उन्होंने सत्याग्रह का मार्ग अपनाया—
➡ बिना हिंसा किए अन्याय के खिलाफ खड़े होना।
➡ सत्य पर दृढ़ रहना।
➡ कष्ट सहकर भी हिंसा न करना।

यह तरीका इतना प्रभावी था कि दुनिया ने पहली बार शांतिपूर्ण संघर्ष की असाधारण शक्ति को देखा।

✔ भारत वापसी और आज़ादी की लड़ाई

1914 में गांधी जी भारत लौटे। उनके स्वागत में लोग उन्हें “महात्मा” कहकर पुकारने लगे। उन्होंने देश की समस्याओं को समझने में कई वर्ष लगाए और लोगों को सत्याग्रह के लिए तैयार किया।

1919 में अंग्रेजों द्वारा बनाए गए रॉलेट एक्ट के विरोध में उन्होंने देशव्यापी सत्याग्रह का आह्वान किया। देश इस आंदोलन से हिल उठा।

इसके बाद उन्होंने कई अहिंसक आंदोलनों का नेतृत्व किया—

  • असहयोग आंदोलन
  • दांडी यात्रा
  • नमक सत्याग्रह
  • नागरिक अवज्ञा आंदोलन
  • भारत छोड़ो आंदोलन

हर आंदोलन ने अंग्रेजी शासन की नींव हिला दी। अंततः गांधी जी के नेतृत्व और भारतीयों के एकजुट संघर्ष से 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ।

✔ गांधी जी के विचार और शिक्षाएँ

गांधी जी मानते थे—

  • सत्य ही ईश्वर है,
  • अहिंसा सबसे बड़ी शक्ति है,
  • सादा जीवन उच्च विचार,
  • सभी धर्मों का सम्मान,
  • अन्याय के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रतिरोध।

उनकी शिक्षाएँ सिर्फ भारत के लिए नहीं, पूरी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत हैं। मार्टिन लूथर किंग जूनियर और नेल्सन मंडेला जैसे विश्व नेता भी उनके रास्ते पर चले।

✔ अंतिम समय और विरासत

30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। यह भारत के इतिहास का सबसे दुखद दिन था। लेकिन गांधी जी चले जाने के बाद भी उनके विचार, सिद्धांत और साहस आज भी जीवित हैं।

दुनिया आज भी उन्हें इसलिए याद करती है क्योंकि उन्होंने दिखाया—
“साहस हथियारों से नहीं, सत्य और प्रेम से पैदा होता है।”

संयुक्त राष्ट्र ने भी 2 अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस घोषित किया है।

उपसंहार :

महात्मा गांधी का जीवन हमें सिखाता है कि सादगी, सत्य और अहिंसा से भी बड़े से बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। वह सिर्फ भारत के नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा हैं। इसलिए उनके विचार सदैव लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे।

यह विस्तृत और सरल essay on Mahatma Gandhi in Hindi हर उम्र के पाठकों के लिए उपयोगी और गांधी जी की महानता को समझने का आसान माध्यम भी है।

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