जीवन की परेशानियों का सामना

जीवन की परेशानियों का सामना Facing life’s difficulties

एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में राजू नाम का एक लड़का रहता था। राजू बेहद मेहनती और ईमानदार था, लेकिन उसकी ज़िंदगी में हमेशा किसी न किसी तरह की परेशानी लगी रहती थी। चाहे वो पढ़ाई हो, काम हो, या परिवार की कोई समस्या हो, राजू को हमेशा कुछ न कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। इन कठिनाइयों की वजह से कई बार वह हिम्मत हार जाता और सोचता कि शायद उसकी किस्मत में कुछ अच्छा नहीं लिखा है।\

Facing life's difficulties

एक दिन, राजू अपनी परेशानियों से थककर गाँव के पास एक बड़े पुराने पेड़ के नीचे बैठ गया। वह बहुत उदास था और समझ नहीं पा रहा था कि वह अपने जीवन में इतनी कठिनाइयों का सामना कैसे करे। तभी, एक बुजुर्ग व्यक्ति वहाँ से गुजर रहा था। वह बुजुर्ग व्यक्ति दिखने में बहुत ही शांत और अनुभवशील लग रहा था। जब उसने राजू को उदास और परेशान देखा, तो वह उसके पास आया और पूछा, “बेटा, तुम इतने उदास क्यों हो? क्या कोई परेशानी है?”

राजू ने अपनी सारी समस्याएँ उस बुजुर्ग व्यक्ति को बताईं। उसने कहा, “दादा जी, मैं बहुत मेहनत करता हूँ, लेकिन फिर भी मेरी ज़िंदगी में हर समय कोई न कोई समस्या बनी रहती है। मुझे ऐसा लगता है कि शायद किस्मत ने मेरे लिए कुछ अच्छा नहीं रखा है।”

बुजुर्ग व्यक्ति ने राजू की बातें बड़े धैर्य से सुनीं और फिर मुस्कुराते हुए कहा, “बेटा, तुम्हारी परेशानी की वजह तुम्हारी सोच है। चलो, मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ, शायद इससे तुम्हें कुछ समझ में आए।”

राजू ने उत्सुकता से कहा, “जी, दादा जी, मैं आपकी कहानी सुनना चाहता हूँ।”

बुजुर्ग व्यक्ति ने कहना शुरू किया, “बहुत समय पहले की बात है, एक बड़े राज्य में एक राजा था। वह राजा बहुत समझदार और दूरदर्शी था। एक दिन उसने सोचा कि अपने राज्य के लोगों की सोच और परिश्रम की परीक्षा लेनी चाहिए। उसने आदेश दिया कि एक बहुत बड़ा पत्थर मुख्य सड़क के बीच में रख दिया जाए, ताकि जो भी उस रास्ते से गुजरे, उसे इस पत्थर का सामना करना पड़े। फिर वह राजा एक पेड़ के पीछे छिप गया और देखने लगा कि लोग इस पत्थर के साथ क्या करते हैं।

सबसे पहले एक व्यापारी वहाँ से गुजरा। उसने सड़क के बीच में बड़ा पत्थर देखा, लेकिन उसे हटाने की कोशिश किए बिना ही उसने अपना रास्ता बदल लिया और वहाँ से चला गया। उसने सोचा कि यह काम उसका नहीं है और कोई और इसे हटाएगा। इसके बाद एक और व्यक्ति वहाँ से गुजरा, उसने भी वही किया। उसे लगा कि यह पत्थर हटाना उसके बस की बात नहीं है और वह भी वहाँ से चला गया।

अंत में, एक गरीब किसान वहाँ से गुजरा। उसने पत्थर देखा और तुरंत समझ गया कि यह पत्थर यहाँ रहने से लोगों को बहुत परेशानी हो सकती है। उसने अपनी पूरी ताकत लगाकर उस भारी पत्थर को धकेलना शुरू किया। कई बार कोशिश करने के बाद, आखिरकार उसने पत्थर को रास्ते से हटा दिया। जैसे ही पत्थर हट गया, उसे उसके नीचे एक थैली मिली। उस थैली में सोने के सिक्के भरे हुए थे और एक चिट्ठी भी थी। उस चिट्ठी में लिखा था, ‘यह सोने के सिक्के उस व्यक्ति के लिए हैं, जिसने इस पत्थर को रास्ते से हटाया।’

राजू, जीवन भी इसी तरह की एक परीक्षा है। हम सबको अपने जीवन में कभी न कभी ऐसे ‘पत्थरों’ का सामना करना पड़ता है। जो लोग उन पत्थरों से डरकर भाग जाते हैं, उन्हें कुछ नहीं मिलता। लेकिन जो लोग धैर्य और मेहनत से इन समस्याओं का सामना करते हैं और उन्हें हल करते हैं, उन्हें अंत में सफलता और खुशी मिलती है।”

राजू ने उस दिन बुजुर्ग व्यक्ति की बातों को गहराई से समझा। उसने ठान लिया कि अब वह कभी भी अपनी परेशानियों से हार नहीं मानेगा। वह हर मुश्किल का डटकर सामना करेगा और मेहनत से अपना रास्ता बनाएगा। कुछ समय बाद, राजू ने सच में अपनी जीवन में आए हुए ‘पत्थरों’ को हटाना शुरू कर दिया। उसने न केवल अपनी परेशानियों का समाधान ढूंढा, बल्कि अपनी मेहनत और ईमानदारी से अपने परिवार और गाँव का नाम भी रोशन किया।

कहानी की शिक्षा यह है कि जीवन में आने वाली परेशानियों से घबराने की बजाय उनका सामना करना चाहिए। मेहनत, धैर्य और सही सोच के साथ हर समस्या का समाधान होता है। जो लोग हिम्मत नहीं हारते, वे ही अंत में विजयी होते हैं।

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