किसान की कोशिश
एक समय की बात है, एक छोटा से गाँव में एक किसान अपने परिवार के साथ रहता था। किसान बहुत मेहनती था, लेकिन उसकी ज़मीन में फसल अच्छी नहीं होती थी। हर साल वह पूरी मेहनत से खेती करता, लेकिन फसल बहुत कम होती। किसान इससे बहुत दुखी था, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी।
एक दिन, किसान अपने खेत के पास बैठा हुआ सोच रहा था कि वह और क्या कर सकता है। ऐसा प्रतीत हो रहा था की वह खेती करने से हार मान चुका था। तभी उसने देखा कि एक छोटी सी चींटी अपने घर की ओर एक कण लेकर जा रही थी। वह चींटी बहुत छोटी थी, और कण उसके आकार से भी बड़ा था। लेकिन चींटी ने हार नहीं मानी। वह धीरे-धीरे उस कण को खींचती हुई आगे बढ़ती रही।
किसान ने देखा कि चींटी के रास्ते में कई बार रुकावटें आईं। कभी वह कण गिर जाता, तो कभी चींटी खुद गिर जाती। लेकिन हर बार चींटी उठती, कण को फिर से उठाती, और आगे बढ़ने लगती। किसान बहुत ध्यान से यह सब देख रहा था। उसे लगा कि शायद यह चींटी उसे कुछ सिखा रही है।
किसान ने देखा कि आखिरकार, कई बार गिरने और संघर्ष करने के बाद, चींटी अपने घर तक पहुंच ही गई। उसने अपने कण को सुरक्षित अपने घर में रख दिया। किसान यह देखकर बहुत प्रभावित हुआ। उसने सोचा, “अगर इतनी छोटी चींटी बिना हार माने अपने लक्ष्य तक पहुंच सकती है, तो मैं क्यों नहीं?”
किसान ने उसी समय फैसला किया कि वह भी हार नहीं मानेगा। उसने सोचा कि चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, वह कोशिश करता रहेगा। अगले दिन से उसने नई ऊर्जा के साथ खेती करनी शुरू की। वह नई-नई तकनीकों के बारे में जानने लगा और अपनी मेहनत को और बढ़ा दिया।
समय बीतता गया, और कुछ सालों बाद किसान की मेहनत रंग लाई। उसकी फसलें अब अच्छी होने लगीं। उसके खेत में हरी-भरी फसल लहराने लगी और उसका परिवार खुशहाल हो गया। किसान अब गाँव के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया था। लोग उसकी कहानी सुनते और उससे सीखते थे कि कठिनाइयों से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि मेहनत और धैर्य से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।
कहानी से सीख – हमें जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए। चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, हमें धैर्य और मेहनत से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए। छोटी-सी चींटी की तरह, हमें भी हर रुकावट का सामना करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। आखिरकार, हमारी मेहनत जरूर रंग लाएगी।