दृष्टिकोण ही जीवन का मार्गदर्शक होता है Attitude is the guide of life
एक समय की बात है, दो नौजवान युवक अपने गांव को छोड़कर नई जगह की तलाश में निकले। वे दोनों जीवन में कुछ नया करने और अनुभव पाने की चाहत से यात्रा कर रहे थे। उनकी यात्रा के दौरान, वे एक गुरु के आश्रम पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने सोचा कि क्यों न गुरु से मिलकर उनसे आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त किया जाए।
दृष्टिकोण ही जीवन का मार्गदर्शक होता है Attitude is the guide of life
गुरु के आश्रम में पहुंचकर दोनों युवकों ने गुरु को प्रणाम किया और बैठ गए। गुरु ने पहले युवक से पूछा, “बेटा, तुमने अपने गांव को क्यों छोड़ा? तुम्हारा गांव छोड़ने का क्या उद्देश्य है?”
पहला युवक बोला, “गुरुजी, मुझे अपने गांव से नफरत है। वहां के लोग बहुत स्वार्थी हैं। मैंने वहां बहुत कठिनाइयों का सामना किया। मुझे वहां किसी से कोई मदद नहीं मिली और मैं हर समय परेशान ही रहा। इसलिए मैंने गांव छोड़ने का निर्णय लिया, ताकि मैं किसी और जगह जाकर एक नई शुरुआत कर सकूं और बेहतर अवसर प्राप्त कर सकूं।”
गुरु ने उसे ध्यान से सुना और फिर कहा, “बेटा, तुम जहां भी जाओगे, तुम्हें वही परेशानियां और कठिनाइयां मिलेंगी जो तुमने अपने गांव में देखी हैं। तुम्हारा दृष्टिकोण नकारात्मक है, और यही नकारात्मकता तुम्हारे साथ हर जगह जाएगी। यदि तुम सोचते हो कि केवल जगह बदलने से तुम्हारी समस्याएं हल हो जाएंगी, तो तुम गलत हो। बेहतर होगा कि तुम अपनी यात्रा यहीं समाप्त कर दो और अपने गांव वापस लौट जाओ।”
फिर गुरु ने दूसरे युवक की ओर देखा और उससे भी वही प्रश्न किया, “बेटा, तुमने अपने गांव को क्यों छोड़ा? तुम किस उद्देश्य से यात्रा कर रहे हो?”
दूसरा युवक बोला, “गुरुजी, मुझे अपने गांव से बहुत प्यार है। वहां के लोग बहुत अच्छे हैं और मुझे वहां बहुत कुछ सीखने को मिला है। लेकिन मैंने सोचा कि क्यों न कुछ नया देखा जाए, नई जगहों का अनुभव किया जाए और नई चीजें सीखी जाएं। मैं अपने जीवन को और भी अनुभवों से समृद्ध करना चाहता हूं और विभिन्न जगहों पर जाकर कुछ नया सीखना चाहता हूं।”
गुरु ने उसे मुस्कुराते हुए आशीर्वाद दिया और कहा, “बेटा, तुमने बहुत अच्छा सोचा है। तुम्हारी सोच सकारात्मक है और तुम जहां भी जाओगे, तुम्हें नई चीजें सीखने और समझने को मिलेंगी। तुम्हारा यह दृष्टिकोण तुम्हें जीवन में नई संभावनाओं और अवसरों से भर देगा। तुम अपनी यात्रा जारी रखो, और तुम्हें जीवन का सही उद्देश्य जरूर मिलेगा।”
गुरु की बातें सुनकर दोनों युवक अपनी-अपनी सोच पर विचार करने लगे। पहला युवक समझ गया कि समस्या स्थान में नहीं, बल्कि उसके अपने दृष्टिकोण में थी। उसने नकारात्मकता के चश्मे से दुनिया को देखा, इसलिए उसे हर जगह कठिनाई और परेशानी ही दिखाई दी। उसने निर्णय लिया कि वह अपने दृष्टिकोण को बदलकर दुनिया को सकारात्मक नजरिए से देखेगा।
दूसरे युवक ने गुरु की सलाह के अनुसार अपनी यात्रा जारी रखी, और उसने अपने जीवन में नई जगहों का अनुभव किया, नई चीजें सीखीं और बहुत सारी सकारात्मकता और खुशियों से भरे अनुभव प्राप्त किए।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि दुनिया वही होती है जो हम उसे देखना चाहते हैं। यदि हम जीवन में केवल नकारात्मकता और समस्याओं को देखते हैं, तो हमें हर जगह वही चीजें मिलेंगी। लेकिन यदि हम सकारात्मक दृष्टिकोण से जीवन को देखते हैं, तो हमें हर जगह नई संभावनाएं और खुशियां मिलेंगी। हमारा दृष्टिकोण ही हमारे जीवन का मार्गदर्शक होता है। इसलिए, हमें हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए, ताकि हम जीवन को पूरी तरह से जी सकें और सफलता प्राप्त कर सकें।