ॐ जय श्री कृष्ण हरे आरती लिरिक्स Om Jai Shri Krishna Hare Lyrics
Om Jai Shri Krishna Hare Lyrics एक अत्यंत पवित्र श्री कृष्ण आरती है, जो भगवान श्रीकृष्ण के अनंत रूपों, करुणा और प्रेम की महिमा का गुणगान करती है।
यह आरती भक्तों के हृदय में भक्ति, शांति और दिव्यता का संचार करती है। श्रीकृष्ण को जगत का पालनहार, रास बिहारी, गोवर्धनधारी और भक्तवत्सल के रूप में इस आरती में स्मरण किया गया है।
जो भी भक्त श्रद्धा और प्रेम से यह आरती गाते हैं, उनके जीवन से दुःख और कष्ट पलभर में दूर हो जाते हैं।
Om Jai Shri Krishna Hare Aarti Lyrics (ओम जय श्री कृष्ण हरे आरती लिरिक्स):
🙏
ॐ जय श्री कृष्ण हरे, प्रभु जय श्री कृष्ण हरे ।
भक्तन के दुःख सारे, पल में दूर करे ॥ ॐ जय…
परमानन्द मुरारी , मोहन गिरधारी ।
जै रस रास बिहारी, जै गिरिवर धारी ॥ ॐ जय…
कर कंचन कटि कंचन, श्रुति कुंडल बाला ।
मोर मुकुट पीताम्बर, सोहे बनमाला ॥ ॐ जय…
दीन सुदामा तारे, दुखियन दुःख टारे ।
जग के फंद छुड़ाए, भव सागर तारे ॥ ॐ जय…
हिरण्यकश्यप संहारे , नरसिंह रूप धरे ।
पाहन से प्रभु प्रकटे, जन के बीच पड़े ॥ ॐ जय…
केशी केश बिदारे, नलकूबर तारे ।
दामोदर छबि सुन्दर, भगतन रखवारे ॥ ॐ जय…
काला नाग नथैया, नटवर छबि सोहे ।
फन फन कारत ही नागन मन मोहे ॥ ॐ जय…
राज्य भिभीषण थापे सीता शोक हरे ।
द्रुपद सुता पत राखी, करुणा लाज भरे ॥ ॐ जय…
***
यह आरती भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य स्वरूप, अवतार लीला, और भक्तों के प्रति उनकी करुणा का स्मरण कराती है।
आरती का प्रत्येक श्लोक भक्त को याद दिलाता है कि भगवान सदैव अपने भक्तों के साथ रहते हैं — चाहे वह सुदामा जैसे गरीब मित्र हों या द्रौपदी जैसी भक्तिन।
जो भी यह आरती श्रद्धा से गाता है, वह भक्ति, प्रेम और आनंद से भर जाता है। Om Jai Shri Krishna Hare (ओम जय श्री कृष्ण हरे आरती) भक्ति और प्रेम का अद्भुत संगम है। इस आरती का पाठ करने से जीवन में शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव होता है।
जय श्रीकृष्ण हरे! 🙏

