आपकी खासियत -मोर और कछुआ

आपकी खासियत -मोर और कछुआ Your specialty

एक बार की बात है, एक घने जंगल में एक मोर बहुत ही सुंदरता से नृत्य कर रहा था। उसके नीले-हरे पंख पूरी तरह फैले हुए थे, और वह दृश्य बहुत ही मनमोहक था। हल्की-हल्की बूंदाबांदी हो रही थी, और बारिश की खुशबू के साथ मोर का नृत्य देखकर ऐसा लग रहा था मानो जंगल स्वर्ग में बदल गया हो।आपकी खासियत -मोर और कछुआ  Your specialty

आपकी खासियत -मोर और कछुआ Your specialty

एक झाड़ी के पीछे एक कछुआ छिपा बैठा था वह चुपचाप मोर का नृत्य देख रहा था। थोड़ी देर बाद, वह खुद को रोक नहीं पाया और झाड़ी से बाहर आया और मोर से कहा, “प्रिय मित्र मोर, यह नृत्य कितना सुंदर है! मैंने इससे अधिक सुंदर चीज कभी नहीं देखी।”

लेकिन, कछुए ने देखा कि मोर उदास था। उसने मोर से पूछा, “तुम इतने सुंदर नृत्य कर रहे हो, फिर भी तुम उदास क्यों हो?”

मोर ने उदासी से कहा, “मुझे देखने में तो सब सुंदर कहते हैं, लेकिन क्या तुमने कभी कोयल की आवाज सुनी है? उसकी आवाज दुनिया की सबसे मधुर है। जब मैं अपना मुंह खोलकर गाता हूं, तो सब मुझसे दूर भाग जाते हैं। लेकिन लोग कोयल की आवाज सुनकर बहुत खुश होते हैं।”

कछुआ मोर की बात सुनकर एक पल के लिए चौंक गया, लेकिन कछुए तो बुद्धिमान और समझदार होते हैं, और हमारा कछुआ भी अलग नहीं था। उसने मोर से कहा, “प्रिय मित्र, हम सभी के पास अपनी-अपनी खासियतें और कमजोरियां होती हैं। हमें दूसरों से तुलना नहीं करनी चाहिए। अगर मैं किसी खरगोश के साथ दौड़ लगाऊं, तो ज़रूर हार जाऊंगा। लेकिन अगर हम तैरने की प्रतियोगिता करें, तो सोचो, कौन जीतेगा?”

कछुए की बात सुनकर मोर को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने सोचा, “सच में, मैं अपनी सुंदरता के लिए आभारी रहूंगा, और अपनी खराब आवाज़ के बारे में दुखी नहीं होऊंगा।”

उस दिन से मोर ने अपने नृत्य और सुंदरता पर गर्व करना शुरू कर दिया और इस बात को समझ लिया कि हर किसी की अपनी विशेषता होती है।

कहानी से सीख:
हर व्यक्ति में कुछ खासियतें होती हैं और कुछ कमजोरियां भी।अपनी कमजोरियों पर दुख मनानेके बजाय हमें अपनी ताकतों के लिए ईश्वर का आभारी होना चाहिए और उन्हें और बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

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