श्री गणेश जी की आरती – Ganesh Ji Ki Aarti Hindi Mein
गणेश जी की आरती ‘जय गणेश जय गणेश’ एक अत्यधिक प्रसिद्ध और शक्तिशाली आरती है, जिसे हिन्दू धर्म में गणेश पूजा के दौरान गाया जाता है। यह आरती भगवान गणेश के असीम आशीर्वाद, उनके अद्वितीय रूप और भक्तों पर उनके प्रभाव को उजागर करती है। आरती में भगवान गणेश की चार भुजाओं, एक दांत, और उनकी सवारी मूषक (चूहा) का वर्णन किया गया है। गणेश जी की पूजा में विशेष रूप से लड्डू, मेवा, पान और फूल चढ़ाए जाते हैं, जो उनकी कृपा को प्राप्त करने के साधन माने जाते हैं।
इस आरती के माध्यम से भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रदर्शन किया जाता है। भगवान गणेश, जो सभी विघ्नों को दूर करने वाले हैं, अपनी कृपा से अंधों को आँख, कोढ़ियों को स्वास्थ्य, और निराश्रितों को संतान देते हैं।
आरती के अन्य बोल भी अत्यंत प्रेरणादायक हैं, जो यह बताते हैं कि भगवान गणेश सभी भक्तों की इच्छाओं को पूरी करते हैं और उन्हें सच्ची समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करते हैं।
🙏
जय गणेश आरती के बोल (Ganesh Ji Ki Aarti in Hindi)
🕉️
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय गणेश..
एक दन्त दयावन्त चार भुजा धारी
मस्तक सिन्दूर सोहे मूसे की सवारी ।
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डूअन का भोग लागे सन्त करे सेवा ॥ जय गणेश..
अन्धन को आँख देत कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया ।
हार चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
‘ सूरश्याम ‘ शरण आए सुफल कीजे सेवा ॥ जय गणेश..
***
गणेश जी की आरती का पाठ करने से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं और मन में शांति तथा प्रसन्नता का अनुभव होता है। जो भी भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ “जय गणेश जय गणेश देवा” आरती गाता है, उस पर गणपति बप्पा की कृपा सदैव बनी रहती है। गणेश जी हमें सिखाते हैं कि हर कार्य को धैर्य, एकाग्रता और भक्ति भाव से करना चाहिए।

