कितनी चूड़ियां है ? Akbar Birbak ki Story
बादशाह अकबर, बीरबल से अक्सर तरह तरह के प्रश्न किया करते थे। कई बार अकबर के प्रश्न बीरबल की खिचाई करने के लिए भी होते थे। और बीरबल अपनी बुद्धि और चतुराई से अकबर को अक्सर उसी प्रकार के उत्तर देते जिससे कई बार बादशाह को चुप हो जाना पड़ता था।
एक बार अकबर ने बीरबल से यूँ ही पूंछ लिया कि बीरबल तुम महल में आने के लिए हमेशा सीढ़ियाँ चढ़कर ही आते हो। क्या तुम बता सकते हो कि शाही महल में आने के लिए कितनी सीढियाँ चढ़नी पड़ती हैं।
बीरबल ने कहा महाराज इसका उत्तर मैं आपको कल दूँ तो चलेगा। अकबर ने कहा -नहीं ,कल तुम सीढियाँ गिनकर आओगे तब जबाब दोगे। तुम इतने सालों से सीढियाँ चढ़ कर महल में आते हो तो क्या तुम्हें इतना भी याद नहीं की कितनी सीढियाँ है ?
मुझे इसका उत्तर अभी चाहिए। बीरबल ने कहा महाराज मैं इसका उत्तर आपको अभी दे सकता हूँ, परन्तु यदि आप मेरे एक प्प्रश्न का उत्तर देदें तो।
अकबर ने कहा कैसा प्रश्न। पूछो मैं अवश्य उसका उत्तर दूंगा। बीरबल ने कहा महाराज आप महारानी जोधाबाई से तो हर रोज मिलते हैं। और उनके साथ लम्बा वक्त भी बिताते हैं। क्या आप बता सकते हैं की महारानी के हाथों में कितनी चूड़ियां हैं?
बादशाह अकबर, बीरबल का प्रश्न सुनकर चक्कर में पड़ गए। उनकी समझ में नहीं आ रहा था की क्या जबाब दें। क्योंकि वे महारानी के साथ तो हर रोज समय बिताते हैं पर ये भला कैसे याद रहेगा कि महारानी के हाथ में कितनी चूड़ियां है।
अकबर निरुत्तर थे। फिर बीरबल बोले, महाराज, आप महारानी का हाथ अक्सर स्पर्श करते होंगे और उनके हाथों की चूड़ियों को देखते भी होंगे। जब आपको यह ज्ञात नहीं की उनके हाथों में कितनी चूड़ियां हैं तो भला हमें यह कैसे याद रह सकता है की शाही महल में कितनी सीढियाँ है। क्योंकि हम महल में आते वक्त गर्दन ऊपर करके भागते हुए आते है।
अकबर, बीरबल के इस तर्क से बहुत प्रशन्न हुए।
Akbar Birbak ki Story
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