Monday, October 27, 2025

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आरती कुंज बिहारी की लिरिक्स | Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics

आरती कुंज बिहारी की – श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की

“आरती कुंज बिहारी की” भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित एक प्रसिद्ध आरती है, जो वृंदावन, इस्कॉन मंदिरों और हर भक्त के हृदय में गूंजती है। इस आरती में श्रीकृष्ण के मोहक स्वरूप, राधा संग उनके मधुर प्रेम और मुरली की मनोहर ध्वनि का वर्णन किया गया है। यह आरती सुनने या गाने मात्र से मन को अपार शांति और आनंद की अनुभूति होती है।

आरती कुंज बिहारी की लिरिक्स | Aarti Kunj Bihari Ki Girdhar Krishna Murari Ki

***

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली |
भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दर्शन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै।
बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

जहां ते प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्रीगंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा ।
बसी शिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू ।
हंसत मृदु मंद, वरन सुख कन्द, कटत भव फंद,
टेर सुन लेउ दुखारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

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Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics in English (Roman Hindi)

Aarti Kunj Bihari Ki, Shri Giridhar Krishna Murari Ki.
Gale mein Vaijayanti Mala, Bajave Murali Madhur Bala.
Shravan mein Kundal Jhalkaala, Nand ke Aanand Nandalala.
Gagan sam ang kaanti kaali, Radhika chamak rahi aali.
Latan mein thadhe Banmaali.
Bhramar si alak, Kasturi tilak, Chandra si jhalak,
Lalit chhavi Shyama Pyari Ki, Shri Giridhar Krishna Murari Ki.
Aarti Kunj Bihari Ki, Shri Giridhar Krishna Murari Ki.

Kanakmay Mor Mukut Bilasai, Devata Darshan ko Tarasai.
Gagan so Suman Rasi Barsai.
Baje Murchang, Madhur Mridang, Gwalin Sang,
Atul Rati Gop Kumari Ki, Shri Giridhar Krishna Murari Ki.
Aarti Kunj Bihari Ki, Shri Giridhar Krishna Murari Ki.

Jahan Te Prakat Bhai Ganga, Kalush Kali Harini Shri Ganga.
Smaran Te Hot Moh Bhanga.
Basi Shiv Sees, Jata ke Beech, Harai Agh Keech,
Charan Chhavi Shri Banwari Ki, Shri Giridhar Krishna Murari Ki.
Aarti Kunj Bihari Ki, Shri Giridhar Krishna Murari Ki.

Chamakti Ujjwal Tat Renu, Baj Rahi Vrindavan Venu.
Chahu disi Gopi Gwal Dhenu.
Hansat Mridu Mand, Varan Sukh Kand, Katat Bhav Phand,
Ter Sun Leu Dukhari Ki, Shri Giridhar Krishna Murari Ki.
Aarti Kunj Bihari Ki, Shri Giridhar Krishna Murari Ki.

इस आरती में भगवान श्रीकृष्ण के सुंदर स्वरूप, उनके बैजंती हार, मोर मुकुट और राधा के साथ उनकी प्रेममयी छवि का वर्णन किया गया है। श्रीकृष्ण की मुरली की ध्वनि और उनके दिव्य तेज से संसार का अंधकार मिट जाता है।

आरती कुंज बिहारी की” का पाठ या गायन करने से मन में प्रेम, भक्ति और शांति की अनुभूति होती है। यह आरती हमें श्रीकृष्ण के स्नेह, माधुर्य और राधा-कृष्ण के दिव्य प्रेम का स्मरण कराती है। जो भी श्रद्धा और भक्ति से इस आरती का पाठ करता है, उस पर भगवान की असीम कृपा बरसती है।

Aarti Kunj Bihari Ki lyrics का पाठ या गायन करने से मन को शांति, भक्ति और आनंद की अनुभूति होती है। यह आरती हर भक्त के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और कृष्ण प्रेम का संचार करती है।

जय श्री कृष्ण! राधे राधे! 🙏

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