भारत माता की पुकार

Bharat Mata

करती है भारत माँ पुकार, ऐ लाल उठो फिर एक बार

स्नेह दया मानवता लाकर, खोलो दुनिया का प्रेम द्वार

ब्रिटिस हुकूमत शाशन करने इस धरती पर आया था

वीरो ने सर बांध कफ़न, खूब अपनी ताकत दिखलाया था

माँओ ने तज दिए थे बेटे, अबलाओं ने सिंदूर मिटाया था

सत्य अहिंसा की लाठी से दुश्मन मार भगाया था

देश हो गया अपना फिर भी, अपनों का क्यों बदल गया व्यवहार

अपने ही अपनों के दुश्मन हो गए, अपनों से होती क्यों तकरार

बदल गए सब अपने होकर, क्यों टूटे रिस्तो के तार

जला दिया क्यों खुद का खुद से, ईर्ष्या की अग्नि से संसार

कहती है ये धरती तुमसे, फिर से लो वीरो अवतार

ख़तम करो पाप पापी से सबके मन में भर दो प्यार

मानवता की हरियाली फैले, फिर पुलकित हो बसुधा एक बार

सबके मन में प्रीत जगे और प्रेम का बस जाये संसार

करती है भारत माँ पुकार, ऐ लाल उठो फिर एक बार

स्नेह दया मानवता लाकर, खोलो दुनिया का प्रेम द्वार

                                                                संतोष कुमार

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here