समय का सदुपयोग – चींटी और टिड्डा

समय का सदुपयोग – चींटी और टिड्डा Good Use of Time – Ant and Grasshopper

एक समय की बात है एक चींटी और टिड्डा बहुत अच्छे दोस्त थे, लेकिन उनकी आदतें एकदम अलग थीं। टिड्डा अपना पूरा दिन सोने या अपनी गिटार बजाने में बिता देता था, जबकि चींटी अपने खाने का सामान इकट्ठा करती और अपना घर बनाती रहती थी। टिड्डा मस्ती में रहता था, और चींटी मेहनत में लगी रहती थी।समय का सदुपयोग - चींटी और टिड्डा Good Use of Time - Ant and Grasshopper

समय का सदुपयोग – चींटी और टिड्डा Good Use of Time – Ant and Grasshopper

कभी-कभी, टिड्डा चींटी से कहता, “अरे, थोड़ा आराम कर लो। इतनी मेहनत क्यों करती हो?” लेकिन चींटी हर बार मना कर देती और अपने काम में लगी रहती। वह सोचती थी कि अगर अभी काम नहीं किया, तो बाद में पछताना पड़ेगा। चींटी को देखकर टिड्डा हंसता और फिर गिटार बजाने लग जाता।

इसी तरह समय बीतता गया, और धीरे-धीरे सर्दियों का मौसम आ गया। सर्दी के दिनों में धूप भी नहीं निकलती थी और रातें बहुत ज्यादा ठंडी हो जाती थी। ठंड से धरती जम गई थी, जिसकी वजह से बाहर खाना ढूंढना बहुत मुश्किल हो गया था।

एक दिन, चींटियों का पूरा झुंड अपने अनाज के दानों को सुखाने में लगा हुआ था, जो उन्होंने पूरे गर्मी के मौसम में इकट्ठा किया था। उस समय, टिड्डा बहुत कमजोर और भूखा था, क्योंकि उसने सारा समय गाने और सोने में बिता दिया था, तथा उसने सर्दियों के लिए कोई भोजन इकट्ठा नहीं किया था।

टिड्डा बड़ी मुश्किल से चींटियों के पास आया और बोला, “क्या तुम मुझे एक दाना दे सकते हो? मैं बहुत भूखा हूँ।”

चींटी ने टिड्डे की हालत देखकर कहा, “हमने यह अनाज सारी गर्मी मेहनत करके इकट्ठा किया है, जब तुम मस्ती कर रहे थे। अब जब सर्दी आ गई है, और तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है, तो हम क्यों तुम्हें अपना अनाज दें?”

टिड्डा बहुत शर्मिंदा हुआ और उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। वह समझ गया कि उसने अपना समय खेल-खेल में बर्बाद कर दिया, जबकि चींटियों ने मेहनत करके अपना भविष्य सुरक्षित कर लिया। अब सर्दी के इस कठिन समय में, टिड्डा बिना भोजन के बहुत परेशान था, और उसे अपनी गलती का पछतावा हो रहा था।

वह सोचने लगा कि अगर उसने भी गर्मियों में चींटी की तरह मेहनत की होती, तो आज उसके पास भी खाने का पर्याप्त सामान होता और वह भूखा न रहता। लेकिन अब पछताने का कोई फायदा नहीं था।

कहानी से सीख: जब अवसर मिले, तब उसका सही उपयोग करना चाहिए। समय को बर्बाद करने से बाद में केवल पछतावा ही हाथ आता है।

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