Bharat Mata

भारत माता की पुकार

करती है भारत माँ पुकार, ऐ लाल उठो फिर एक बार स्नेह दया मानवता लाकर, खोलो दुनिया का प्रेम द्वार ब्रिटिस हुकूमत शाशन करने इस धरती...

ये कैसा आज है

ये कैसा आज है ,ये कैसा आज है ? न *कल का कोई गीत है, न *कल का कोई मीत है न *कल की आज प्रीति...

न थकेंगे न रुकेंगे

न थकेंगे न रुकेंगे बढ़ते जायेंगे कदम, रोक ले जो अब हमें इतना नहीं है किसी में दम, मंजिले हो दूर कितनी, पहुंचकर दिखलायेंगे, बाधाएं आयेंगी पथ...
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