आपकी समस्या Your problem

आपकी समस्या Your problem

बहुत समय पहले की बात है एक बहुत ही बड़े विद्वान व्यक्ति रहते थे। वह लोगों के बीच रहकर थक चुके थे और अब भगवान की भक्ति करते हुए सादा जीवन व्यतीत करना चाहते थे। लेकिन उनकी प्रसिद्धि ऐसी थी कि लोग उनसे हर हाल में मिलना चाहते थे, उनका मानना था कि यह विद्वान उनकी सभी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।

आपकी समस्या Your problem

आपकी समस्या Your problem

एक दिन बहुत सारे लोग इकठ्ठा हो गए, विद्वान ने उन्हें प्रतीक्षा करने को कहा। तीन दिन बीत गए, अब और भी बहुत से लोग वहाँ पहुँचे, जब लोगों के लिए जगह कम पड़ने लगी तो विद्वान ने कहा, “आज मैं तुम्हारे सारे प्रश्नों का उत्तर दूँगा, परन्तु तुम्हें तुम्हें वचन देना है कि यहाँ से जाने के बाद तुम इस बारे में कुछ नहीं बताओगे।

किसी और के लिए जगह, ताकि आज के बाद मैं एकांत में अपनी साधना कर सकूं। समस्या बताने लगा, लेकिन वह चंद शब्द ही बोल पाया कि बीच में ही कोई और उसकी बात कहने लगा। सब जानते थे कि आज के बाद पंडित जी से कभी बात करने का अवसर न मिलेगा; इसलिए वे सभी जल्द से जल्द अपनी बात रखना चाहते थे। देखते ही देखते वहाँ का दृश्य मछली-बाजार जैसा हो गया और अन्त में पंडित जी को चिल्लाना पड़ा, “शांत हो जाओ! अपनी समस्याओं को एक कागज के टुकड़े पर लिखकर मुझे दे दो।

सभी ने लिखकर अपनी समस्या बताई। पंडित जी ने सारी पर्चियां लेकर एक टोकरी में रख दीं और मिला दीं और कहा, “इस टोकरी को आपस में बांट दो, एक-एक व्यक्ति पर्ची उठाकर पढ़ेगा।” उसके बाद उसे यह तय करना होगा कि क्या वह अपनी समस्या को इस समस्या से बदलना चाहता है?

सभी ने कागज का एक टुकड़ा उठाया, इसे पढ़ा और सिहर उठे। एक-एक करके सबने पर्चियां देखीं पर कोई अपनी समस्या के स्थान पर किसी और की समस्या लेने को तैयार न हुआ; हर कोई सोचता था कि खुद की समस्या कितनी भी बड़ी क्यों न हो, दूसरों की समस्या जितनी गंभीर नहीं होती। दो घंटे बाद सब लोग पर्चियां हाथ में लेकर लौटने लगे, वे खुश थे कि उनकी समस्या उतनी बड़ी नहीं है, जितनी वे समझते थे।

दोस्तों, ऐसा कौन होगा जिसके जीवन में कोई समस्या ना हो? हम सभी के जीवन में परेशानियां आती हैं, कोई अपनी सेहत से परेशान होता है तो कोई धन की कमी से… हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि जीवन है तो छोटी-बड़ी परेशानियां आती ही रहेंगी, ऐसे में दुखी होइए और यही सोचिए।

बेहतर है कि हम अपना ध्यान उसके समाधान पर केंद्रित करें… और यदि उसका कोई समाधान नहीं है तो अन्य उत्पादक चीजों पर ध्यान दें… हम सोचते हैं कि सबसे बड़ी समस्या हमारी है, लेकिन यकीन मानिए इस दुनिया में लोगों के पास इतनी बड़ी समस्या है . बड़ी बड़ी परेशानियां होती हैं कि उनके सामने हमारे पास कुछ भी नहीं… इसलिए भगवान ने जो कुछ भी दिया है उसके लिए शुक्रगुजार रहें और एक खुशहाल जिंदगी जीने की कोशिश करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here