मैं तो आशिक हूँ

मैं तो आशिक हूँ

कच्ची दीवार हूँ ठोकर न लगाना मुझको

अपनी नज़रो में बसा कर न गिराना मुझको

तेरी तस्वीर निगाहों में बसा रखी है

दिल की धड़कन की तरह तुम भी बसाना मुझको

 

हाल-ऐ-दिल कहने में मुश्किल हो तुझे महफ़िल में

मैं समझ जाऊंगा नजरो से बताना मुझको

वादा उतना ही करो जितना निभा सकती हो

मेरी जां  ख्वाब अधूरे न दिखाना मुझको

 

प्यार करना उसे पा लेना जरुरी तो नहीं

दर्द-ऐ-गम आता नहीं सबको बताना मुझको

अपने रिस्तो के नजाकत का भरम रख लेना

मैं तो आशिक हूँ दीवाना न बनाना मुझको

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