महात्मा बुद्ध की सलाह  

महात्मा बुद्ध की सलाह 

महात्मा बुद्ध को सलाह 

बहुत साल पहले की बात है एक गांव में एक किसान रहता था, वह बहुत दुखी था। वह हमेशा अपने जीवन की छोटी-छोटी परेशानियों को लेकर बहुत उदास रहता था और अपने दुख के बारे में लोगों को बताता रहता था। हर बार की तरह एक दिन वह अपने दुखों की एक व्यक्ति से कहा रहा था, तो उस व्यक्ति ने उसे सलाह दी कि तुम गौतम बुद्ध के पास चले जाओ, वे तुम्हारी समस्याओं का कोई-न-कोई हल जरूर बताएँगे। व्यक्ति की बात मानकर वह किसान अगले दिन महात्मा बुद्ध के पास पहुंच गया।

गौतम बुद्ध के समक्ष पहुंचकर उन्हें प्रणाम करते हुए उसने कहा कि – मैं एक किसान हूं और मैं खेती बारी करके जीवनयापन करता हूं, मैं यहां अपनी समस्याओं का समाधान पाने के लिए आया हूं। दरअसल, कई बार मेरी फसल अच्छी होती है, तो कभी बिल्कुल भी नहीं होती, जिसकी वजह से मैं बहुत परेशान हो जाता हूं। और मेरी पत्नी है और वो मुझसे बेहद प्रेम करती है, पर कभी-कभी वो मुझे बहुत परेशान करती है। मैं उससे बहुत तंग आ गया हूं, मुझे कभी-कभी लगता है कि अगर वो मेरे जीवन में नहीं आती, तो मैं शायद ज्यादा अच्छे से रहता। इस तरह वह किसान  अपनी सारी परेशानियां महात्मा बुद्ध को सुनाता रहा और वे उसकी सारी बातें सुनते रहे। जब तक वह किसान बात कर रहा था, तब तक गौतम बुद्ध चुपचाप सुनते रहे और एक शब्द भी नहीं बोले।

आगे अपनी परेशानी बताते हुए किसान कहता है कि मेरा एक बच्चा भी है, वह है तो बहुत अच्छा, पर कई बार मुझे परेशान करता है और मेरा कहना भी नहीं मानता। कई बार मुझे उसके ऐसे व्यवहार से लगता है कि वो मेरा बच्चा नहीं है। इस तरह किसान अपनी सारी परेशानी को एक एक करके बताता गया। और अपने जीवन का सबकुछ, जो उसे सताता था और दुखी करता था, उन सारी बातों को गौतम बुद्ध को बता दिया।

महात्मा बुद्ध की सलाह 

सारी बातें कहने के बाद अब किसान के पास उन्हें बताने के लिए कुछ भी नहीं बचा और अब उसका मन काफी हल्का हो गया। महात्मा बुद्ध से सब कुछ कहने के बाद किसान उनसे अपनी परेशानियों के समाधान की उम्मीद लगाए बैठ गया। वह बहुत देर तक गौतम बुद्ध के जवाब का इंतजार करने के बाद ब्रेसब्र होकर  ऊंची आवाज में महात्मा बुद्ध से पूछा, ‘क्या आप मेरी समस्याओं के समाधान के बारे में कुछ नहीं कहेंगे?’

किसान की बात सुनकर गौतम बुद्ध बोले, ‘ मैं तुम्हारी किसी भी तरह से कोई मदद नहीं कर सकता।’ किसान हैरान हो गया, उसने महात्मा बुद्ध से ऐसे जवाब की उम्मीद नहीं की थी। उसे अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था। उसने महात्मा बुद्ध से कहा कि ये आप क्या बोल रहे हैं? क्या आप मेरी समस्याओं का कोई समाधान नहीं कर सकते? मैंने आपके बारे में बहुत सुना है कि आप सभी की समस्याओं का हल जरूर करते हैं, तो मेरी समस्याओं का समाधान क्यों नहीं करेंगे?

किसान की बात सुनकर महात्मा बुद्ध ने कहा कि – आपके जीवन में जितनी भी कठिनाइयां हैं, उतनी हर किसी के जीवन में होती है और हर किसी को अपनी छोटी समस्याएं भी बहुत बड़ी लगती हैं। आपके जीवन में ऐसी कोई भी समस्या नहीं है, जो दूसरों के जीवन में न हो। इस संसार में हर व्यक्ति को अपने जीवन में सुख-दुख का सामना करना ही पड़ता है। हम चाहें जितनी भी कोशिश क्यों न कर लें, लेकिन हमारे जीवन में सुख और दुख दोनों आएंगे-ही-आएंगे। कई बार ऐसा होता है कि हमारे अपने भी हमें बेगाने लगने लगते हैं, तो कई बारी बेगाने हमें अपनों के समान लगते हैं। सभी का जीवन इसी प्रकार की समस्याओं से घिरा हुआ है, और जिसका कोई समाधान नहीं है।

जीवन से एक समस्या जाती है, तो कोई दूसरी समस्या आ जाती है। ऐसे में अगर तुम एक समस्या का समाधान आज कर लोगे, तो तुम्हें कल दूसरी समस्या का सामना करना ही पड़ेगा। यह जीवन का एक अटल सत्य है, जिसे कोई बदल नहीं सकता। महात्मा बुद्ध की बातें सुनकर किसान को बहुत गुस्सा आ गया,  और उसने कहा कि – लोग आपको महात्मा कहते हैं, मैंने लोगों से ये भी सुना है कि आप सभी की परेशानियां दूर करते हैं, पर आप मेरी समस्या का निवारण करने के बजाय, मुझे फिजूल की बातें बता रहे हैं। मैं आपके पास बहुत उम्मीदें लेकर आया था, पर अब मुझे ऐसा लग रहा है कि आपके पास मेरा आना व्यर्थ साबित हुआ। शायद मैंने आपके बारे में जो भी सुना था, वो सब झूठ है।

इतना कहकर वह किसान वहां से जाने लगता है। तभी भगवान बुद्ध ने उससे कहा, कि तुमने जो भी समस्याएं बताई हैं, उनका मैं समाधान नहीं कर सकता, पर मैं तुम्हारी दूसरी परेशानी का निवारण अवश्य कर सकता हूं। महात्मा बुद्ध की बातें सुनकर किसान हैरान हो गया और कहा- मैंने जो समस्या बताई उसके अलावा मुझे और कोई भी समस्या नहीं है और अगर इनके अलावा कोई समस्या है तो मुझे उसका ज्ञान क्यों नहीं है।

महात्मा बुद्ध ने उससे कहा- आपकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि आप नहीं चाहते हैं कि आपके जीवन में किसी तरह की कोई  समस्या हो। खुद को किसी भी तरह की समस्या न हो, यह सोच रखना ही दूसरी समस्याओं का सबसे बड़ा कारण बनता है। आपको यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि इस संसार में हर व्यक्ति के जीवन में किसी-न-किसी प्रकार की समस्या होती है। तुम यह सोचना छोड़ दो कि तुम ही इस दुनिया के सबसे दुखी व्यक्ति हो।

तुम्हें अपने आस-पास देखना चाहिए, कि बाकी लोग भी किसी-न-किसी वजह से परेशान और दुखी हैं। जीवन में सुख और दुख आते ही रहेंगे, उन्हें कोई नहीं बदल सकता। बस तुम्हें दोनों ही स्थिति में स्वयं पर काबू रखना होगा, जिससे दुख का असर तुम पर ज्यादा नहीं होगा। और तुम्हें यह सोचना छोड़ना होगा कि तुम्हारे जीवन में कभी कोई समस्या न हो। अपने मन को शक्तिशाली बनाकर तुम हर समस्या का आसानी से सामना कर पाओगे।

महात्मा बुद्ध की बातें सुनकर वह किसान उनके चरणों पर गिर गया और उनसें माफी मांगने लगा। वह समझ चुका था कि महात्मा बुद्ध उसे क्या समझाना चाह रहे हैं।

कहानी से सीख
जीवन में छोटी-छोटी परेशानियों के लिए, हमें हमेशा शिकायत नहीं करनी चाहिए, बल्कि उन परेशानियों के समाधान के बारे में सोचना चाहिए।

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