आज हुई है रैना

Love Shayari

आज हुई है रैना फिर से फैला अधियारा

डूब गया उम्मीद का सूरज लेकर चैन हमारा

 

मन के पंछी भटक भटक कर अपने घर को आये

चली पवन पुरवाई फिर से यादों की धूल उड़ाए

पड़ने लगी है ओस की बूंदे भीगे तन मन सारा

डूब गया उम्मीद का सूरज लेकर चैन हमारा

 

लगता है डर अधियारे से क्यों होती है रैना

नीद आती तो चैन आता पर सोते नहीं मेरे नैना

आये न निंदिया जागी सी रतिया खोया है सपना सारा

डूब गया उम्मीद का सूरज लेकर चैन हमारा

 

आज हुई है रैना फिर से फैला अधियारा

डूब गया उम्मीद का सूरज लेकर चैन हमारा

…संतोष

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