चालाक बकरी की कहानी story of the clever goat
Chalak bakari ki kahani एक किसान के घर एक बकरी ने बच्चे को जन्म दिया। बच्चा धीरे-धीरे बड़ा हुआ। एक दिन उस बकरी के बच्चे ने किसान को किसी से बात करते सुना कि जंगल में बहुत हरी घास है। अब बकरी के बच्चे के मन में हरी घास देखने का विचार आया। एक
दिन का अवसर देखकर बकरी के बच्चे ने जंगल में जाने का निश्चय किया। जब वह जंगल में पहुंचा तो उसे चार भेड़ियों ने घेर लिया। इधर, बच्चे की तलाश में बकरी भी उसके पीछे जंगल की तरफ गयी तो उसने देखा कि चार भेड़ियों ने उसके बच्चे को घेर लिया है। बकरी को बच्चे के साथ देखकर सभी भेड़िये बहुत खुश हुए और आपस में कहने लगे, “आज एक बढ़िया पार्टी होगी!”
बकरी होशियार थी, उसने कहा- “देखो! हम तो शिकार हैं जंगल के राजा शेर के। अगर तुम हमें खाओगे, तो जंगल का राजा तुम्हें मार डालेगा।” यह सुन चारों भेड़िये डर गए और भाग खड़े हुए।
Chalak bakari ki kahani
आगे बढ़ते हुए शेर ने बकरी और उसके शावक को देखा। शेर ने कहा कि आज मुझे बकरी का मांस खाने का मौका मिला है, मैं इसे जाने नहीं दूंगा। तब बकरी ने शेर से कहा- “महाराज! इस जंगल की शेरनी ने मुझे तुम्हारे लिए पकड़ लिया है! अगर तुम हमें खाओगे, तो शेरनी तुमसे नाराज हो जाएगी।” यह सुनते ही शेर सोचने लगा, चलो, कोई बात नहीं, शेरनी उन्हें हमारे पास लाएगी।
कुछ दूर जाने के बाद बकरी और उसके बच्चे को शेरनी मिली। शेरनी भी बकरी और उसके बच्चे को मारना चाहती थी। तब चतुर बकरी ने शेरनी से कहा- “मुझे और मेरे बच्चे को जंगल के राजा शेर ने तुम्हें उपहार के रूप में रखा है। अगर तुम हमें खुद खाओगी तो जंगल का शेर राजा तुमसे बहुत नाराज होगा।
यह सुनकर शेरनी ने सोचा कि जब जंगल के शेर राजा ने इस बकरी के बच्चे और बकरी को मेरे लिए उपहार के रूप में रखा है, तो क्यों न थोड़ी देर प्रतीक्षा करके उन्हें जाने दिया जाए।
शेरनी ने बकरी और उसके बच्चे को जाने दिया। अब जल्दी से बकरी और उसका बच्चा दौड़ कर किसान के घर पहुंचे। बकरी ने अपनी चतुराई से अपने बच्चे के साथ-साथ अपनी भी जान बचाई।
साथियों, इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि कठिन से कठिन समय में भी हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और अपने दिमाग का इस्तेमाल करके उस परेशानी से निकलने के उपाय के बारे में सोचना चाहिए।
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