इंसान गलतियों का पुतला है

इंसान गलतियों का पुतला है gyanhans

इंसान गलतियों का पुतला है

इंसान गलतियों का पुतला है, गलती करना उसके स्वभाव में है। परन्तु इंसान अपने द्वारा की गई गलतियों को सुधारने में माहिर भी है, वशर्ते वह चाहे। और यह बिना स्वयं की ईमानदारी और संवेदना के संभव नहीं है।  

इंसान को स्वयं अपने व्यक्तित्व का आकलन करना चाहिए। इस प्रकार की परख आपके व्यक्तित्व में निखार लाती है और आपको एक अच्छा और महान व्यक्तित्व प्रदान करती है। कुछ बातें आत्म सुधार के लिए बेहद सहायक होती हैं। 


1. दोषारोपण करें

अक्सर हम औरों के द्वारा की गलतियों पर जयादा ध्यान देते है और अपने द्वारा की गयी गलतियों को भूल जाते है। परन्तु यह सही बात नहीं हैं। हम सहीं हैं वो गलत है इस प्रकार की बातें आपके व्यक्तित्व को प्रभावित करती हैं। किसी मामले में अपने आप को सही मान लेने से पहले ये जान लेना जरुरी है कि आखिर उस मामले में आपकी भूमिका क्या थी। आपके साथ हुयी घटना को विस्तार से लिख लें और पूरे मामले को समझने की पूरी कोशिश करें और उन बातों को भी समझने का पूरा प्रयास करें जो उस घटना के घटने कारण बनीं हो। किसी व्यक्ति या परिस्थितियों को दोष देने से बचनें का पूरा प्रयास करें और सिर्फ अपने आप पर ध्यान केंद्रित करें। 

2. जरुरत पड़े तो माफ़ी मांगें

किसी से माफ़ी मांगना इतना आसान नहीं होता। क्योंकि यह अपने अहम को तोड़कर किसी के सामने नतमस्तक होने के जैसा है। लेकिन अगर आप किसी से माफ़ी मांगने के लिए पहल करते हैं तो ये यह दर्शाता है कि आपसे गलती हुयी है और आप उसके लिए शर्मिन्दा हैं। और अगर आप माफ़ी माँगते है तो ऐसा करने से उस तरह की गलतियों को दोहराने से बच जाते हैं।


3. नाकारात्मक विचारों का त्याग करें

हम माफ़ी तो मांग लेते और हमें माफ़ी मिल भी जाती है परन्तु माफ़ किये जाने बाद भी हम अपने आप को माफ़ नहीं कर पाते। क्योंकि स्वयं को माफ़ करना एक बार में ही संभव नहीं है, इसमें अपने आप को वक्त देना पड़ता है क्योंकि यह धीरेधीरे समय के साथ परिपक्व होता है। और इसलिए जब भी आपके मन में किसी प्रकार के नाकारात्मक विचार आये तो गहरी सांस लेकर उसे उसी समय निकाल देना चाहिए और अपना ध्यान किसी और जगह लगाना  चाहिए।

4. छुपने के वजाय सामने आयें

बहुत सी गलतियां अनजाने में या भावना वस हो जातीं हैं, पर गलती तो गलती होती है परन्तु किसी बड़ी गलती के बाद शर्म से छुप जाना बिलकुल भी अच्छा नहीं है। गलती के बाद हम अपने यार दोस्त से, परिजनों से नजरें मिलाने में झिझकते है क्यूंकि हमें डर होता है की कहीं वह हमें हमारी पिछली बात को याद करा दे। लेकिन अक्सर जैसे ही हम उनसे नजरें मिलाने की हिम्मत जुटाते हैं तो यह महसूस होता है कि हमारा डर गलत था।

5. गलतियों से सीखें

गलती करना इंसान के स्वाभाव में है इसलिए अपनी गलतियों से सीखना चाहिए इस प्रकार आप बार बार गलती करने से बच जायेंगे। हमें अपनी गलतियों के प्रति आभारी होना चाहिए और यह बात आपको बिलकुल विचित्र लग सकती हैखासकर वैसी गलतियां जिनसे आपको शर्मिंदगी महसूस हुयी हो या दुःख पहुंचा हो, लेकिन अगर आप सारे मामले पर गौर तो करेंगे तो पाएंगे कि ऐसी की गयी गलतियों ने आपको कितना मजबूत और सुदृढ़ किया है। आप ये पाएंगे कि इन्ही गलतियों की वजह से ही आप और अधिक बुद्धिमान, मजबूत और विचारशील हो गए हैं।  

 

6. बेवजह के तर्क बितर्क से बचे 

कई  ऐसा होता है की हम अपनी गलतियों की छुपाने के लिए बहुत से तर्क बितर्क करने लगते हैं। इस  प्रकार से तर्क  वितर्क करने से भी विवाद बढ़ता जाता है।  याद रखिये एक झूठ छुपाने के लिए सैकड़ो झूठ बोलना पड़ता है बावजूद इसके भी सच भी सामने ही जाता है।   

 

व्यक्तित्व का विकास 

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