Friday, May 16, 2025

अपनी वाणी और व्यवहार पर हमेशा संयम रखना चाहिए

अपनी वाणी और व्यवहार पर हमेंशा संयम रखना चाहिए

वाणी और व्यवहार gyanhans

अपनी वाणी और व्यवहार पर हमेंशा संयम रखना चाहिए

जीवन में कई बार अक्सर कभी कभी हम कुछ ऐसा कर बैठते है या फिर बोल देते हैं जिसके लिए हमें उस कृत्य का बाद में बेहद पछतावा होता है। और खासकर यह होता है जब हम न चाहते हुए भी केवल क्रोध बस ऐसा व्यवहार किसी अपने के साथ किया हो, उनका दिल दुखाया हो।

अपनी वाणी और व्यवहार पर हमेंशा संयम रखना चाहिए। बोल तो अनमोल है इसलिए कुछ बोलने से पहले उस बोले जाने वाली बात  पर अच्छे से विचार करना चाहिए।

वाणी एक अमोल है जो कोई बोले जानि 

हिये तराजू तौलि के तब मुख बाहर आनि  

क्योंकि औजार की चोट का घाव तो भर जाता है परन्तु जुबान से दिया हुआ घाव जल्दी नहीं भरता।

जीवन में हर रिश्ते की बहुत अहमियत होती है, और आपसी समझ और प्रेम ही रिश्तो की डोर होती है।  कई बार क्रोध और किसी सन्देश वस आवेश में आकर हम बहुत सी गलतियाँ कर जाते हैं और अपने मुख से कुछ ऐसे शब्द बोल जाते है जिससे हमारे रिश्तों में तनाव उत्पन्न हो जाता है।

आवेश में आकर की गयी गलती हमारे बने बनाये रिश्ते को पल भर में तोड़ देती है। उसके बाद दुबारा अक्सर हम उस रिश्ते को जोड़ने की कोशिश पूरी करते हैं परन्तु रिश्तों में पड़ी दरार को पूर्ण रूप से भरना सम्भव नहीं हो पाता।

रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाए  

जोड़े ते फिर न जुड़े, जुड़े गांठ पड़ जाए 

रहीम दास जी कहते हैं कि प्रेम रूपी धागे को पल भर में नहीं तोडना चाहिए, क्योंकि फिर आप अगर जोड़ना चाहेंगे तो यह जुड़ तो जायेगा परन्तु इसमें एक गांठ अवश्य पड़ जाएगी।

इसलिए हमें अपनी  वाणी और व्यवहार पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है।

इसे पढ़ें-

मन को शांत रखें

तनाव से मुक्ति

गुच्छे की कीमत 

सफल जीवन

किशोरावस्था सीखने की उम्र होती है

स्वयं की  किसी और के साथ तुलना न करें 

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
10,977SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

error: Content is protected !!