जरुरी तो नहीं जीने के लिए कोई सहारा हो

gyan hans
प्यार भरी शायरी

***

जरुरी तो नहीं जीने के लिए कोई सहारा हो
जरुरी तो नहीं हम जिसे चाहें वो हमारा हो
कुछ कस्तियाँ अक्सर दुब जाया करती हैं
जरुरी तो नहीं हर कश्ती का कोई किनारा हो
***
++++++++++++++++++++++++++
***
कभी तेरी पलकों में झिलमिलाऊँ मैं
कभी तेरे ख़यालों में खुद को भूल जाऊं मैं
बीच दरिया में लाकर मेरा हाथ न छोड़ना
कहो तो किनारे पर ही डूब जाऊँ मैं
***
+++++++++++++++++++++++
***
इस तरह कंकड़ को पानी में न फेको
उसे भी कोई पीता होगा
यूँ चेहरे पर उदासी न लाया करो
क्योंकि तुम्हें देखकर भी कोई जीता होगा
***
+++++++++++++++++++++++
***
जिनकी राहों में फूल बरसते हो
वो काँटों का दर्द क्या जाने
जिसने कभी मुहब्बत ही न की हो
वो जुदाई का दर्द क्या जाने

***

+++++++++++++++++++++
***
हर दिल की धड़कन में कोई बात होती है
हर उदास जिंदगी में किसी की याद होती है
तुम्हें मालूम भी न होगा शायद
तुम्हारी हर मुस्कराहट में हमारी दुवा साथ होती है

***

+++++++++++++++++++++

***

खुशियों से दिल को आबाद करना
हर गम को अपने दिल से आजाद करना
हमारी बस आप से यही गुजारिश है
कि हमें भी दिन में एक बार याद करना

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here