Friday, November 21, 2025

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रक्षाबंधन पर्व पर राखी बांधने की विधि और महत्व (Rakshabandhan Pooja Vidhi Aur Mahatva)

रक्षाबंधन पर्व पर राखी बांधने की विधि और महत्व 

रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति के पर्व और त्योहारों में एक भावपूर्ण त्योहार है। रक्षाबन्धन भाई और बहन के बीच प्रेम और स्नेह के धागे से बांधने वाला रक्षा सूत्र है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर भगवान से उसके कुशल मंगल की कामना करती है और भाई अपनी बहन की जीवन भर रक्षा का वचन देता है।

सावन की घटाओं और चारों तरफ छाई प्राकृतिक हरियाली के मध्य और साथ में चारों तरफ से रक्षाबंधन के  मधुर गीतों की धुन कानों में पड़ती है तो ह्रदय भावविभोर हो जाता है।  रक्षा बंधन के पावन पर्व पर सात समंदर पार से भी प्रेम व सौहार्द के इस बंधन को निभाने के लिए भाई अपनी बहन से राखी बंधवाने अपने घर आ जाते हैं।

रक्षाबंधन का महत्व

रक्षाबंधन का पर्व भारतीय परिवारों में एकता, प्रेम और सौहार्द का प्रतीक माना जाता है। यह त्यौहार विशेष रूप से भाई-बहन के रिश्ते को सम्मानित करता है, जिसमें बहन अपने भाई की लंबी उम्र और सुख-शांति की कामना करती है, जबकि भाई अपनी बहन के लिए सुरक्षा का वचन देता है।

यह भाई बहन के लिए बहुत ही ख़ुशी और सद्भावना का त्यौहार है। इस मौके  पर जब भाई बहन मिलते हैं तो उनके चेहरे पर खुशियां बिखर जाती हैं तो कहीं प्रेम के आंसू छलक जाते हैं।

बहन अगर अपने ससुराल में होती है तो इस दिन वह राखी लेकर अपने मायके भाई को राखी बांधने जाती है। किसी कारणवस बहन अगर अपने मायके नहीं जा पाती तो भाई अपनी बहन से राखी बंधवाने उसके ससुराल जाता है। भाई बहन के इस भाव पूर्ण त्यौहार की एक अलग ही विशेषता है। अपनी बहन भी इस त्यौहार को पूर्ण रूप से मनाए और दूसरे की बहन जो हमारे घर में पत्नी-बहू बनकर आई है, वह भी प्रसन्नतापूर्वक इस पर्व को धूमधाम से मनाए, और घर वालों को इसमें पूरा सहयोग करना चाहिए ।

श्रावण की  शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को यह त्यौहार मनाया जाता है। रक्षाबन्धन के इस भावपूर्ण त्यौहार के शुभ मौके पर बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है तो भाई अपनी बहन को खुशियों के उपहार देते हैं।

रक्षाबंधन की पौराणिक कथा

पुराणों में ऐसी कथा है कि एक बार जब इंद्र दानवों से युद्ध में पराजित होने लगे थे तो उनकी पत्नी इन्द्राणी ने एक रक्षा सूत्र इंद्र की कलाई पर बांधा था जिससे इंद्र को उस युद्ध में विजय प्राप्त हुई थी। देवासुर संग्राम में देवी भगवती ने देवताओं के की कलाई में मौली बांधी थी। तभी से रक्षा सूत्र बंधने की यह परंपरा चली आ रही है।

रक्षाबंधन पूजा की विधि

रक्षाबंधन के दिन पूजा और राखी बांधने की विशेष विधि होती है। इसे सही तरीके से करने से भाई-बहन के रिश्ते में और भी मिठास और सौहार्द आता है। आइए जानें रक्षाबंधन पूजा विधि:

  1. राखी की थाली सजाना: सबसे पहले एक पूजा की थाली तैयार करें। थाली में रोली, कुमकुम, अक्षत (चावलों), पीली सरसों के बीज, दीपक, मिठाई और राखी रखें।
  2. भाई को तिलक लगाना: अब भाई को तिलक करके उसके दाहिने हाथ पर राखी बांधें।
  3. आरती उतारना: राखी बांधने के बाद, भाई की आरती उतारें और उसके ऊपर अक्षत (चावल) छिड़कें।
  4. मिठाई खिलाना: राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई खिलाएं।
  5. भाई को भेंट देना: राखी बंधवाने के बाद, भाई अपनी बहन को उसकी इच्छानुसार उपहार दें, यह उपहार आमतौर पर पैसे, मिठाई या अन्य किसी प्रिय वस्तु के रूप में होता है।

राखी बांधते समय यह मंत्र पढ़ें

राखी बांधने के समय इस मंत्र का जाप किया जाता है, जो रक्षा और शुभकामनाओं का प्रतीक होता है:

ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

रक्षाबंधन की भावना

रक्षाबंधन के पावन पर्व पर भाई-बहन का एक दूसरे के प्रति जो आदर्श भाव होते हैं उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि जैसे बहन अपने भाई की दीर्घायु और खुशहाली की शुभकामनाएं देने वाली संसार की सबसे बड़ी देवी हो और भाई अपनी कलाई आगे बढ़ाकर इस तरह से राखी बंधवाता है कि जैसे कोई महावीर अपनी बहन का विश्वासपूर्ण रूप से उसकी सुरक्षा का वादा कर रहा हो।

राखी के धागे से बहन के द्वारा भाई के लिये की गई लम्बी उम्र की कामना और भाई के द्वारा सद्भावना के कच्चे धागे में बंधकर बहन की रक्षा का पक्का वचन निभाना देववाणी का निर्वहन ही तो है। आइये! हम सब इस विशिष्ट रक्षा सूत्र राखी के संकल्पों को जीवन में उतारें और समाज में शांति, सौहार्द का मार्ग प्रशस्त करने व नर-नारी के प्रति पवित्र दृष्टि अपनाने का अपने अंतरमन में भाव जगायें, तभी इस पर्व की सार्थकता है।

Conclusion:

रक्षाबंधन केवल एक पारंपरिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह भाई-बहन के बीच विश्वास, सुरक्षा और प्रेम का प्रतीक है। इसे मनाने से न केवल परिवार में खुशियाँ आती हैं, बल्कि समाज में एकता और प्रेम का माहौल भी बनता है। इस दिन का उत्सव न केवल रिश्तों को मजबूत करता है, बल्कि समाज में शांति और सौहार्द फैलाने का कार्य भी करता है।

रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं!

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