Sunday, October 26, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

सोने की चेन

Sone ki chen, gyan hans, stories, kahaniyaएक गांव में एक व्यापारी रहता था। व्यापारी के पास धन धान्य की कोई कमी नहीं थी। आस पास के गांवों में व्यापारी के जैसा धनी व्यक्ति और कोई नहीं था। कारोबार बड़ा होने के नाते व्यापारी हमेशा बहुत व्यस्त रहता था। उसे आराम करने की कभी फुर्सत ही नहीं होती थी।

व्यापारी के पास सबकुछ होने के बावजूद सिर्फ एक चीज की कमी थी और वह था सकून, जो की एक सुखी जीवन जीने के लिए बहुत आवश्यक है। व्यापारी के पास दिन में आराम करने का वक्त नहीं होता था पर रात में जब वो आराम करने की सोचता और सोने जाता तो उसे नींद नहीं आती थी। सारी रात करवटे बदल बदल कर ही बीत जाती। नींद पूरी न होने की वजह से उसका दिन भी ठीक से नहीं बीत पाता था। वह अब बहुत परेशान रहने लगा था, और धीरे धीरे वह बीमार सा होने लगा था।

एक रात नींद न आने की वजह से व्यापारी बिस्तर से उठा और छत पर जाकर टहलने लगा। उसने देखा की उसके घर के पिछवाड़े थोड़ी दूर पर बनी टूटी झोपड़ी में एक भिखारी जमीन पर दोनों पैर फैलाए बड़े आराम से सो रहा था। यह देखकर  व्यापारी को बड़ा आश्चर्य हुआ। उसने अपने मन में सोचा कि मेरे पास सबकुछ है, मखमल का  बिस्तर है तकिया है पंखा है, सबकुछ है पर मुझे नींद ही नहीं आती, और ये भिखारी जिसके पास न तो मकान है न तो अच्छे भोजन है न बिस्तर है इसके बावजूद ये ज़मींन पर कितने आराम से सो रहा है।

एक दिन वह भिखारी भीख मांगते मांगते व्यापारी के यहाँ पहुंचा। व्यापारी के कर्मचारियों ने सुना था की यह भिखारी बहुत अच्छा गाता है तो कुछ रुपये देने के बदले भिखारी से भजन गाने की फरमाइश कर डाली। भिखारी ने सब की फरमाइश पर भजन गाना आरम्भ किया। उसकी आवाज सुनकर व्यापारी भी भजन सुनने के लिया वहां आ गया, और पूरा भजन सुना। व्यापारी बहुत प्रसन्न हुआ और इनाम के तौर पर अपने गले में पहनीं हुई सोने की चेन उतारकर कर भिखारी को दे दिया।  भिखारी फूला न समाया और चेन लेकर ख़ुशी ख़ुशी अपने आवास पर चला गया।

भिखारी अपने झोपड़े में पहुंचा, बहुत प्रसन्न दिखाई दे रहा था। अब भिखारी सोचने लगा इस चेन को कहाँ रखूँ, पहन तो सकता नहीं क्योकि चेन पहन कर भीख तो मांग नहीं सकता।

थोड़ी देर में रात होने लगी, भिखारी थोड़ा चिंतित होने लगा। चेन को कहाँ छुपाऊं, कहीं रात में मेरे सोने के बाद कोई चोर न चुराले। फिर उसने चेन को एक कपडे में बांधकर कोने में पड़े टूटे बक्से में छुपा  दिया। खाने पीने के बाद पहले की तरह ज़मीन पर सोने लगा। पर आँख झपकते ही नींद टूट जाती,मन में बस यही खयाल आता था कि कहीं  किसी ने चेन चुरा तो नहीं ली, चेन बक्से में है की नहीं ?  मन बेचैन था जैसे सोने की चेन ने भिखारी के सारे चैन छीन लिए हों।  नींद कहाँ आ रही थी, बेखौफ सोने वाला भिखारी रात भर उठ उठ कर चेन को ही देखता रहा। भिखारी बहुत परेशान हो गया था।

सुबह होते भिखारी चेन लेकर ब्यापारी के घर पहुँचा, और पोटली से चेन निकाल कर ब्यापारी के हाथ में थमा दिया।  ब्यापारी ने आश्चर्य चकित होते हुए भिखारी से पूंछा – तुम यह चेन क्यो वापस कर रहे हो, यह तो तुम्हारा इनाम है और कल जब हमने तुम्हे इसे दिया था तो तुम बहुत खुश लग रहे थे फिर अचानक आज क्या हो गया जो यह चेन मुझे वापस कर रहे हो ? भिखारी ने हाथ जोड़कर कहा – कल मैं इस लिए खुश था क्योंकि यह उपहार मेरे जीवन का सबसे बड़ा उपहार था, परन्तु मुझे ज्ञात नहीं था  कि इस उपहार से मेरे मन की, मेरे जीवन की सारी शांति भंग हो जायेगी। मैं आज रात भर सो न सका। यह मेरे किसी काम की नहीं, मेरा सुकून तो मांग कर दो जून की रोटी खाने और प्रभु के भजन गाने में हैं।

भिखारी की बातो ने ब्यापारी को सोचने पर मजबूर कर दिया था। ब्यापारी समझ गया था कि ये धन, दौलत, जमीन जायदाद सब एक माया ही है, जो हमें भौतिक सुख सुविधाएँ तो देतीं है, पर मन की शांति सकूंन सब हर लेती हैं।

Popular Articles

error: Content is protected !!