शेर और बिल्ली की कहानी Story of Lion and Cat

शेर और बिल्ली की कहानी Story of Lion and Cat

एक घना जंगल था, जहाँ विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी रहते थे। इसी जंगल में एक शेर और एक बिल्ली भी रहते थे। जंगल का राजा शेर बड़ा विशाल और शक्तिशाली था। उसकी दहाड़ से पूरा जंगल थरथराता था। दूसरी ओर, बिल्ली एक नन्ही और कोमल जानवर थी, जिसकी ताकत शेर की तुलना में न के बराबर थी।

शेर और बिल्ली की कहानी Story of Lion and Cat

वह अपनी चालाकी और फुर्ती के लिए जानी जाती थी, परंतु उसका दिल हमेशा डर से भरा रहता था। खासकर जब वह शेर के पास से गुजरती थी, तो उसकी धड़कन तेज हो जाती थी। वह जानती थी कि शेर कितना ताकतवर है और वह अगर चाहे तो पल भर में उसे खत्म कर सकता है। लेकिन, शेर ने कभी बिल्ली की ओर गुस्से या हिंसा का रुख नहीं किया था। वह बिल्ली को सम्मान से “बिल्ली मौसी” कहकर पुकारता था।

बिल्ली अक्सर जंगल में घूमने जाती थी, अपने छोटे-छोटे कदमों से हर दिशा में अपने रास्ते तलाशती थी। एक दिन ऐसा ही कुछ हुआ। वह धीरे-धीरे जंगल के एक कोने में टहल रही थी, जब उसकी नजर एक बड़े, भूखे भेड़िये पर पड़ी। भेड़िया भूखा और हिंसक था। उसकी आँखों में खून उतर आया था और उसने बिल्ली को देखते ही अपने नुकीले दाँतों को चमकाते हुए उसकी ओर दौड़ना शुरू कर दिया। बिल्ली समझ गई कि उसकी जान खतरे में है। उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगा और वह किसी सुरक्षित जगह की तलाश में इधर-उधर भागने लगी।

उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे। भेड़िया उसकी ओर तेजी से बढ़ रहा था और उसकी जान पर बन आई थी। तभी उसे एक विचार आया—शेर! शेर ही उसकी मदद कर सकता है। वह जानती थी कि शेर हमेशा उसे आदर से देखता था और शायद इस कठिन समय में उसकी रक्षा भी करेगा। बिना समय गवाएं, वह शेर के पास भागी। उसकी छोटी-छोटी टाँगें इतनी तेजी से चल रही थीं कि ऐसा लग रहा था मानो वह हवा से बात कर रही हो। शेर अपने निवास स्थान पर आराम कर रहा था, जब उसने बिल्ली को देखा तो वह हांफ रही थी और उसके चेहरे पर गहरा डर साफ झलक रहा था।

शेर ने हैरानी से पूछा, “अरे, बिल्ली मौसी! क्या हुआ? तुम इतनी घबराई हुई क्यों हो?”

बिल्ली ने रोते हुए कहा, “भेड़िया मेरे पीछे पड़ा है! वह मुझे मार देगा! मुझे बचाओ, शेर भाई, नहीं तो आज मेरी जीवन लीला समाप्त हो जाएगी।

शेर ने यह सुनकर गहरी सांस ली और उठकर खड़ा हो गया। उसने बड़े प्यार से कहा, “चिंता मत करो, मौसी। भेड़िया चाहे जितना भी बड़ा और खतरनाक क्यों न हो, मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगा। तुम मेरे पास हो, अब वह तुम्हारे पास नहीं आ सकता।”

बिल्ली की धड़कनें थोड़ी शांत हो गईं, लेकिन भेड़िये के आने का डर अब भी उसके दिल में था। शेर ने अपनी आँखों से इशारा किया कि वह पास की झाड़ी में जाकर छिप जाए। बिल्ली शेर की बात मानकर झाड़ी के पीछे छिप गई। शेर अपनी जगह पर खड़ा रहा, उसकी नज़रें चारों ओर घूम रही थीं, मानो वह अपने शिकार का इंतजार कर रहा हो। तभी भेड़िया वहाँ आ पहुँचा। उसकी आँखों में अब भी वही भूख और हिंसा थी। लेकिन जैसे ही उसने शेर को देखा, वह थोड़ा पीछे हट गया। भेड़िया जानता था कि शेर से मुकाबला करना उसके बस की बात नहीं थी, परंतु भूख ने उसकी बुद्धि को धुंधला कर दिया था।

शेर ने बिना किसी देरी के भेड़िये पर हमला कर दिया। उसकी तेज दहाड़ से पूरा जंगल गूंज उठा और भेड़िया हक्का-बक्का रह गया। शेर ने अपनी ताकत से भेड़िये को धूल चटा दी। भेड़िया बुरी तरह घायल हो गया और उसे समझ में आ गया कि वह गलत जगह पर आ गया है। बड़ी मुश्किल से वह अपनी जान बचाकर वहाँ से भाग निकला। उसकी हिम्मत टूट चुकी थी और वह अपनी जान बचाने के लिए वहाँ से बहुत दूर भाग गया।

जब सब शांत हो गया, तो बिल्ली धीरे-धीरे झाड़ी से बाहर निकली। उसकी आँखों में आभार और राहत साफ झलक रही थी। उसने शेर के पास जाकर कहा, “धन्यवाद, शेर भाई! अगर तुम न होते, तो आज मैं जिंदा न होती।”

शेर ने मुस्कुराते हुए कहा, “अरे, इसमें धन्यवाद की क्या बात है? तुम मेरी दोस्त हो। मैं तुम्हें कभी कोई नुकसान नहीं होने दूंगा। तुम्हारी सुरक्षा मेरी जिम्मेदारी है।”

इस घटना के बाद बिल्ली और शेर के बीच का संबंध और भी मजबूत हो गया। वे दोनों एक-दूसरे के साथ ज्यादा समय बिताने लगे। बिल्ली ने अब डरना छोड़ दिया था और उसे शेर पर पूरा भरोसा हो गया था। वह जानती थी कि जब तक शेर उसके साथ है, कोई भी उसे नुकसान नहीं पहुँचा सकता।

धीरे-धीरे जंगल के सभी जानवरों को यह बात समझ में आ गई कि शेर और बिल्ली अब केवल दोस्त नहीं, बल्कि परिवार की तरह हो गए हैं। शेर ने अपने मजबूत और शक्तिशाली व्यक्तित्व के बावजूद हमेशा अपने दोस्तों की परवाह की। और बिल्ली ने यह सीखा कि सच्चे दोस्त हमेशा मुश्किल समय में साथ होते हैं, चाहे वे कितने ही अलग क्यों न हों।

अब जब भी कोई जानवर बिल्ली को छेड़ने की कोशिश करता, वह बिना किसी डर के शेर की ओर देखती, और वह जानवर तुरंत वहाँ से भाग जाता। बिल्ली और शेर का यह अनोखा बंधन जंगल में दोस्ती और विश्वास का प्रतीक बन गया।

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