कार्य और समय-shikshaprad laghu kahaniya in Hindi
एक राजा थे उनका राज्य बहुत बड़ा था। राजा बड़े उदार दिल थे। एक बार राजा के राज्य में दौड़ की प्रतियोगिता हुई। बहुत से लोगों ने उस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।
दौड़ में लम्बी दूरी तय करनी थी। प्रतियोगिता शुरू हुई। लम्बी दौड़ के बाद एक व्यक्ति उस दौड़ में विजयी हुआ।
राजा बहुत प्रशन्न हुए। राजा ने उस व्यक्ति को इनाम के तौर पर कहा कि – तुम कल सूर्यास्त तक जितनी धरती का चक्कर लगा लोगे उतनी धरती मैं तुम्हें इनाम में दूंगा।
वह व्यक्ति बहुत खुश हुआ, आखिर वह दौड़ में माहिर हैं, और कल तो वह बहुत बड़े भूभाग का स्वामी भी बनने वाला है। ये बातें अंदर ही अंदर उसे बहुत प्रशन्न कर रहीं थीं।
घर जाकर वह व्यक्ति भोजन करके सोने के लिए अपने बिस्तर पर चला गया। देर रात तक उसे अच्छे ख़यालों ने सोने नहीं दिया। दौड़ से काफी थका होने के बावजूद भी वह देर रात तक जागता रहा।
रात काफी हो चुकी थी ख़याली सपने मन में आते रहे परन्तु वह सोने की कोशिश करने लगा क्योंकि, कल सुबह उसे एक लम्बी दौड़ लगानी हैं।
सुबह हो चुकी थी। दौड़ की थकावट और रात में देर से सोने की वजह से उसकी नींद खुल नहीं रही थी।
धूप काफी हो गयी थी, सूरज सर पर चढ़ गया था। उसकी नींद टूटी तो उसने देखा कि दोपहर हो चुकी थी। उठने के बजाय उसने सोचा दौड़ तो शाम तक पूरी करनी है इतनी भी क्या जल्दी पड़ी है। और मैं तो दौड़ में माहिर हूँ, बहुत जल्द ही लम्बी दूरी तक दौड़ सकता हूँ।
आत्मविश्वाश और आलस ने उसे बिस्तर पर रोके रखा। फिर वह आराम से उठा और नित्य क्रिया के पश्चात दौड़ना शुरू कर दिया।
परछाइयाँ लम्बी होने लगीं थीं। सर्त के अनुसार उसे दौड़ कर वापस उसी स्थान पर आना था तभी उसे उतनी भूमि का अधिपत्य मिलेगा।
वह दौड़ता दौड़ता बहुत दूर निकल गया। सूरज डूबने से पहले उसे वापस आना था।
सूरज डूबने वाला था। वह व्यक्ति वापस उसी स्थान पर दौड़ कर आ रहा था। परन्तु रास्ता बहुत लम्बा था इसलिए उसे देर लग रही थी।
अंततः सूरज डूब गया और वह व्यक्ति वापस अपने प्रारम्भ स्थान तक नहीं पहुंच पाया। सूरज डूबने से पहले वापस न आ पाने की सर्त वह हर गया।
वह व्यक्ति इनाम से वंचित रह गया। उसके सारे सपने धरासायी हो गए। वह अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर सका।
अधिक आत्मविशास के कारण उसने अपने दौड़ की शुरुवात उसने बहुत देर की थी, जिसकी वजह से उसे सब कुछ गवां देना पड़ा।
इसलिए अपने जीवन में किसी भी कार्य की शुरुवात हमेशा सही समय पर करना चाहिए। वक्त कभी रुकता नहीं है। अगर वक्त के साथ शुरुवात करेंगे तो शायद आप बहुत कुछ हासिल कर सकेंगे। और अगर आप यह सोचेंगे कि इतनी जल्दी क्या है अभी तो हमारे पास बहुत वक्त है, तो यकीन मानिये अक्सर इसी सोच की वजह से हम अपने जीवन बहुत से मौके खो देते हैं।
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