दृष्टिकोण बदलने से जिंदगी बदल जाती है Changing your attitude will change your life
दृष्टिकोण बदलें -एक बार की बात है एक राज्य का राजा बहुत दिनों से सोच रहा था कि वह महल छोड़कर अध्यात्म (ईश्वर की खोज) में समय व्यतीत करे।
राजा ने इस बारे में बहुत सोचा और फिर वह अपने गुरु के पास गया और उन्हें अपनी समस्या बताई और कहा कि उन्हें राज्य का कोई योग्य उत्तराधिकारी नहीं मिल रहा है। मेरा पुत्र भी बच्चा छोटा है, इसलिए अभी वह राजा बनने के योग्य नहीं है। मैं यह राज्य किसके भरोसे छोडूं।
जब भी मुझे कोई योग्य व्यक्ति मिलेगा, जिसमें राज्य को संभालने के सभी गुण होगा, तो मैं यह महल छोड़ दूंगा और अपना शेष जीवन अध्यात्म को समर्पित कर दूंगा।
गुरु ने कहा, तुम राज्य की बागडोर मेरे हाथ में क्यों नहीं दे देते?
क्या तुम मुझसे ज्यादा योग्य, सक्षम व्यक्ति कहीं और ढूंढ सकते हो ?
राजा ने कहा, मेरे राज्य को आपसे अच्छा कौन संभाल सकता है?
चलिए, आज से मैं आपके हाथों में अपने राज्य की बागडोर सौंपता हूं।
गुरु ने पूछा, अब तुम क्या करोगे?
राजा ने कहा, मैं राजकोष से कुछ धन ले लूंगा, जिससे मेरा शेष जीवन चल सके।
गुरु ने कहा, लेकिन अब खजाना तो मेरा है, मैं तुम्हें एक पैसा भी नहीं लेने दूंगा।
राजा ने कहा, तो ठीक है… मैं कहीं कोई छोटा-मोटा काम कर लूंगा, उससे जो मिल जाएगा, गुजारा कर लूंगा।
गुरु ने कहा, अगर तुम्हें काम करना है तो मेरे पास एक नौकरी खाली है। क्या तुम मेरे साथ काम करना चाहोगे ?
राजा ने कहा, मैं कोई भी काम करने को तैयार हूं।
गुरु ने कहा, मेरे यहां राजा की नौकरी खाली है। मैं चाहता हूं कि तुम मेरे लिए यह काम करो और अपना वेतन हर महीने राज्य के खजाने से लेते रहो।
एक वर्ष के बाद गुरु लौटे और देखा कि राजा बहुत खुश हैं। अब दोनों काम हो रहे थे।
जिस अध्यात्म के लिए राजपाट छोड़ना चाहता था, वह भी चल रहा था और राज्य चलाने का काम भी अच्छे से चल रहा था। उसे अब किसी चीज की परवाह नहीं थी।
इस कहानी से यह समझ में आएगा कि वास्तव में क्या बदला?
देखने में तो कुछ भी नहीं ! राज्य वही, राजा वही, काम वही; लेकिन दृष्टिकोण (रवैया) बदल गया।
इसी तरह हमें भी जीवन में अपना नजरिया बदलना चाहिए। मालिक मत बनो, बल्कि यह समझ कर सारे काम करो कि मैं भगवान का काम कर रहा हूँ.. अब तो अच्छा बुरा सब भगवान ही जानें।
सब कुछ भगवान पर छोड़ देने से ही आप हर समस्या और परिस्थिति में खुश रह पाएंगे।
जब किसी समस्या को अनेक दृष्टियों से देखा जाता है तो कहीं न कहीं उसका समाधान भी दिखाई देता है ! सोच बदलेगी तो नजरिया भी बदलेगा, आलोचनात्मक सोच होगी तो उस समस्या में आने वाली बाधाओं का ज्ञान होगा और सकारात्मक सोच होगी तो समस्या का समाधान भी निकलेगा!
🌸 निष्कर्ष (Niskarsh):
जिंदगी बदलने के लिए परिस्थितियाँ बदलना जरूरी नहीं, आपका दृष्टिकोण बदलना ही सबसे बड़ा बदलाव है। आलोचनात्मक सोच से समाधान मिल सकता है, और सकारात्मक दृष्टिकोण से हर समस्या आसान लगने लगती है।

