छोटी छोटी चीजें हमें कैसे प्रभावित करती हैं

शिक्षाप्रद कहानी

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एक आश्रम में शिष्यों ने अपने गुरु जी से पूछा – कि गुरुजी  जीवन में छोटी छोटी चीजें हमें कैसे प्रभावित करती हैं। जबकि उन छोटी चीजों का कोई महत्व नहीं होता।

गुरुजी ने एक शिष्य को बुलाया और उसे एक छोटा सा कंकर हाथ थामकर हाथ को सीधा रखने के लिए कहा और बोले की इसका वजन कितना है। शिष्य ने कहा गुरुदेव यह तो बहुत हल्का है इसमें तो कोई भार ही नहीं है। उसकी बात सुनकर गुरुदेव ने कहा ठीक है तुम इसे ऐसे ही सीधे हाथ किये हुए पकडे रहो।

आधे घंटे बीत जाने के बाद गुरूजी ने फिर से पूछा, अब इसका वजन कैसा लगा रहा है। शिष्य ने जबाब दिया गुरूजी अबतो यह कंकर बहुत भारी लगने लगा है और मेरे हाथ में जोर का दर्द हो रहा  है।

गुरूजी ने कहा – अभी आधे घंटे पहले बोल रहे थे इसमें जरा भी भार नहीं है। अभी भी ये कंकर तो उतना ही बड़ा है फिर ये भारी कैसे हो गया ? अब क्या तुम इसे और एक घंटे तक पकड़ सकते हो। शिष्य ने जबाब दिया नहीं गुरु देव मेरे हाथ में अभी से दर्द शुरू हो गया है और अगर इसे मैं एक घंटे और पकड़ कर रखा तो मेरा हाथ अकड़ जायेगा और शायद उतना दर्द मैं बर्दाश्त भी नहीं कर सकता।

शिष्य की बात सुनकर गुरूजी बोले – हाँ यह सही है की अगर तुम और अगले एक घंटे तक ऐसे ही इस कंकर को पकड़कर हाथ सीधे करके खड़े रहे तो तुम्हारे हाथ का दर्द बहुत बढ़ जायेगा। कुछ ऐसी ही चींजे हमारे जीवन में होती हैं। जिन छोटी छोटी चींजो को हम नजरअंदाज करते हैं और जिन्हें हम कोई महत्त्व नहीं देते वही चीजें बाद में हमें बहुत प्रभावित करती हैं।

उदाहरण के लिए जैसे कोई विवाद हमेंशा छोटी छोटी बातों से शुरू होती है  परन्तु ज्यादा लम्बे समय तक नोक झोंक होती रहें तो वह बड़े विवाद का कारण बनती है।

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माँ बाप अक्सर अपने बच्चों की छोटी मोटी गलतियों को नजर अंदाज कर देते है परन्तु कई बार उनकी छोटी छोटी गलतियाँ न टोकने और रोकने की वजह से उन्हें गलत रास्ते पर ले जाती हैं। वक्त के साथ वो छोटी छोटी गलतियाँ इतनी बड़ी हो जाती है और वे बच्चे गलत रास्ते पर इतने आगे निकल जाते हैं कि फिर चाहकर भी उन्हें वापस लाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

छोटी बीमारी को नजर अंदाज अंदाज करना कभी कभी बड़ी समस्या का कारण बनता है। छोटी छोटी ईंटों को जोड़कर ही बहुत बड़ा महल बनता है। एक एक शब्द लिखते लिखते पूरी पुस्तक भर जाती है। एक एक रेशे से पूरा वस्त्र तैयार हो जाता है। इस प्रकार दुनिया की हर चीज का मूल सदैव छोटा ही होता है।

जैसे पानी की एक बूँद का कोई ज्यादा महत्व नहीं होता परन्तु उसी पानी की एक एक बूँद टपकने से धीरे धीरे एक बड़ा पात्र खाली हो जाता है। बारिस की एक एक बून्द लम्बे समय तक धरती पर पड़ती है तो नदियों में बाढ़ आ जाती है। इसप्रकार हर छोटी चीज का अपना बहुत महत्व है। इसलिए कभी भी छोटी चींजो को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

दुनिया में कोई भी कभी हाथी के काटने से नहीं मरा, हमेशा एक छोटा मच्छर ही कई बार मृत्यु का कारण बनता है। इसलिए कभी छोटी चीजों को छोटा समझकर उसे नजर अंदाज न करें, क्योंकि वही छोटी चीजें वक्त के साथ धीरे धीरे बड़ी हो जाती है और हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करती हैं।

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