Sunday, October 26, 2025

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आज कह दिया फिर न कहना कभी 

gyanhans

आज कह दिया फिर कहना कभी 

मेरी नजरों से दूर रहना कभी 

ख़ुशी बनकर लफ्जों पे आये हो तुम 

अश्क बनकर आँखों से बहना कभी 

***

वो परिवार ही क्या जिसमें सब संग हो 

वो मेहंदी क्या जिसमें प्यार का रंग हो 

वो सपने ही क्या जिसें पाने की उमंग हो 

वो जिंदगी ही क्या जिसमें आप संग हो 

*** 

कितने भी दूर हो जाओ, हमसे भाग पाओगे तुम 

जिंदगी के हर मोड़ पर हमें ही पाओगे तुम 

चाहे कितना भी हमको नजर अंदाज करलो 

अपनी नजरो के आगे हमें पाओगे तुम 

***

जुदाई आपकी रुलाती रहेगी 

याद आपकी हमें आती रहेगी 

जब तक जिस्म में है जान 

मेरी सांसे तेरी यारी निभाती रहेगी 

***

होंठ जो कह नहीं सकते फ़साना दिल का 

शायद नजरों से वो बात हो जाये

इसी उम्मीद में करते है इंतज़ार रात का 

कि शायद सपनों में ही उनसे मुलाकात हो जाये

 

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