हमारे शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए जिस तरह हमे अन्य मिनरल और बिटामिन्स की आवश्यकता होती है, उसी तरह हमारे शरीर के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी है। इसकी कमी से शरीर में कई बीमारियां हो सकती हैं। शरीर की हड्डियों के निर्माण में विटामिन के साथ-साथ कैल्शियम भी जरूरी होता है।
बढ़ती उम्र के साथ साथ हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी होती जाती है जिससे हमारे शरीर मे हड्डियों की समस्या, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की समस्या शुरू हो होती है। हर उम्र के हिसाब से हमारे शरीर को कैल्शियम की आवश्यकता होती हैं।
कैल्शियम का सबसे बढ़िया श्रोत हैं दूध,और दूध से बने उत्पाद, जैसे कि दही, पनीर, मक्खन इत्यादि। औसतन एक गिलास दूध में 300 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। फलों और सब्जियों जैसे – केला, अमरूद, नारियल, शरीफा, गोभी और मूली आदि में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है।
रोजाना हमें अपने भोजन में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम युक्त आहार जरूर लेना चाहिए। शरीर के साथ साथ हमारे दिमाग के लिए भी कैल्शियम ज़रूरी हैं। कैल्शियम की कुछ मात्रा हमारे शरीर के रक्त में भी पाई जाती है। रक्त में निश्चित मात्रा में घुला कैल्शियम हमारी कोशिकाओं के हर पल सक्रिय रहने के लिए ज़रूरी हैं।
कार्बन, हाइड्रोजन और नाइट्रोजन के बाद शरीर में कैल्शियम की मात्रा सबसे अधिक होती है। इसके अलावा दिमाग के सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड में व स्तन ग्रंथियों से स्रावित दूध में भी कैल्शियम पाया जाता हैं.
कैल्शियम से सिर्फ हड्डियां ही मजबूत नहीं होती हैं बल्कि कैल्शियम की सही मात्रा हमे रक्तचाप, डायबिटीज जैसे बिमारियों के खतरों से भी बचाता है। यह हमारे शरीर के नर्वस सिस्टम के माध्यम से हमारी मांसपेशियों को गतिशील बनाने में सहायक होता है।
गर्भावस्था के दौरान भी गर्भवती स्त्रियों को कैल्शियम युक्त पदार्थो का भरपूर सेवन करना चाहिए। इस दौरान डॉक्टर्स महिलाओं को कैल्शियम के सप्लीमेंट लेने की भी सलाह देते है।
बचपन में हड्डियां ज्यादा कमजोर और नाजुक होती है इसलिए बच्चों के शरीर के समुचित विकास के लिए अधिक कैल्शियम की जरूरत होती है। इसके बच्चों को पर्याप्त मात्रा में दूध और दूध से बानी बनी चीजें देनी चाहिए.
हमारे शरीर की हड्डियां 30 साल की उम्र तक पूरी तरह विकसित हो जाती हैं। कैल्शियम की जरूरत तब भी होती है। 40 वर्ष की उम्र के बाद हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है।
इसलिए रोजाना के खानपान में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम युक्त चीजें जरूर शामिल करनी चाहिए। नियमित एक्सरसाइज भी आपके लिए फायदेमंद होती है।
1-3 साल के बच्चे को 500 मिग्रा कैल्शियम रोज चाहिए। 4-8 साल के बच्चे को 800 मिग्रा, 9-18 साल तक 1300 मिग्रा,19-50 साल 1000 मिग्रा और 51 साल के बाद 1200 मिग्रा कैल्शियम रोजाना चाहिए। भोजन के माध्यम से हम जितना कैल्शियम लेते है, उसमें से केवल 30 प्रतिशत ही मेटाबॉल्जिम के माध्यम से हमें मिलता है। बाकि कैल्शियम उत्सर्जन की प्रक्रिया द्वारा शरीर से बाहर निकल जाता है.
हमारे शरीर में कैल्शियम के अवशोषण और उसके पाचन के लिए फास्फोरस और विटामिन डी की भी आवश्यकता होती है। हड्डियों के लिए विटमिन डी बहुत जरूरी है, और बिटामिन डी हमें सूरज की रौशनी से भरपूर मात्रा में मिल जाता है।
इसलिए प्रतिदिन धूप में थोड़ा वक्त जरूर बिताना चाहिए। बिना किसी डॉक्टर की सलाह के कैल्शियम की गोलियों का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह सेहत के लिए नुकसानदेह भी हो सकता है.