🐄 कहानी: गाय और उसका मालिक (Cow and Its Owner – Hindi Moral Story)
एक बार एक गाय चरने के लिए जंगल में गई, वह घास बड़े मजे से चर रही थी। घास चरते हुए वह एक बहुत घने जंगल में चली गई, जब उसने अपना सिर उठाया और ऊपर देखा, तो गाय ने अपने चारों ओर कई पेड़, घास और कंटीली झाड़ियाँ देखीं।
गाय को एहसास हुआ कि वह जंगल में रास्ता भटक गई है। गाय अपने घर जाने का रास्ता तलाशते हुए वह परेशान हो गई। गाय ने सोचा कि मैं आज घर नहीं जा पाऊंगी, लेकिन मेरे मालिक मुझे ढूंढते हुए यहां जरूर आएंगे, यह सोचकर वह गाय वहीं विश्राम करने लगी है।
जब गाय आराम कर रही थी, उसी जंगल में एक शेर अपने भोजन की तलाश में था। शेर को भोजन की तलाश में गाय बैठी दिखाई दी और शेर मन ही मन कहने लगा-
“आज मेरी दावत है, ऐसा खाना मैंने पहले कभी नहीं खाया”
इतना कहकर शेर गाय को खाने के लिए दौड़ने लगा। गाय ने शेर को अपनी ओर आते देखा और जोर-जोर से रोने लगी-
“मालिक मुझे बचाओ”
इतना कहते ही गाय वहां से भागने लगी। शेर उसके पास दौड़ने लगा, गाय डर गई। दौड़ते-भागते गाय बहुत थक गई थी, तभी गाय ने दौड़ते हुए एक तालाब को देखा।
गाय तालाब की ओर दौड़ने लगी और मन ही मन कहा-
“मैं तालाब में, शेर से बचूंगा”
यह सोचकर गाय तालाब में कूद गई। गाय को खाने के लिए शेर उसी तालाब में कूद गया। लेकिन गाय ने जिसे तालाब समझा था, वह मिट्टी से भरा तालाब था, जिसे दलदल भी कहा जाता है। गाय दलदल में जाने लगी और शेर भी दलदल में घुसने लगा। शेर आधा धँसा हुआ था और गाय भी आधी धँसी हुई थी। तब गाय ने शेर से पूछा कि-
“क्या आपका कोई मालिक है ” तब हंसते हुए शेर ने जबाब दिया।
मेरा कोई मालिक नहीं है, लेकिन मैं इस जंगल का राजा हूं।” शेर को अपने आप पर बहुत गर्व था। इस पर गाय ने कहा-
“तुम्हारा कोई मालिक नहीं है, लेकिन मेरे पास एक मालिक है”
शेर ने गर्व से कहा-
“हा हा हा….. लेकिन हम दोनों मरने वाले हैं जब जंगल का राजा ही अपनी जान नहीं बचा सकता तो तुम अपनी जान कैसे बचाओगी ”।
गाय ने गर्व से शेर से कहा-
“मेरा स्वामी आकर अब मुझे बचाएगा”।
गाय जब गर्दन तक डूबी तो उसके मालिक ने वहां आकर गाय को दलदल से बचाया। लेकिन गाय और उसके मालिक ने शेर को नहीं बचाया। शेर उसी दलदल में फंसा रह गया, गाय और उसका मालिक वहां से चले गए।
🌸 कहानी से सीख (Kahani Se Sikh):
- भरोसा और निष्ठा सबसे बड़ी ताकत हैं।
 - जो अपने मालिक, अपने भगवान या अपने प्रियजनों पर सच्चा विश्वास रखता है, वह कठिन से कठिन परिस्थिति से भी निकल जाता है।
 - अहंकार का अंत हमेशा विनाश होता है, लेकिन भरोसा हमेशा विजय दिलाता है।
 
                                    
