Sunday, October 26, 2025

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दुनिया के इस शहर को 150 साल पहले क्यों कहा जाता था “सिटी ऑफ़ गोल्ड”

दुनिया के इस शहर को 150 साल पहले क्यों कहा जाता था “सिटी ऑफ़ गोल्ड”

दुनिया के इस शहर को 150 साल पहले क्यों कहा जाता था "सिटी ऑफ़ गोल्ड"

न्यूयॉर्क और लंदन आज भले ही दुनिया के सबसे अमीर देशों की सूची में सबसे ऊपर हो। लेकिन क्या आप जानते हैं एक समय था जब दक्षिण अफ्रीका का एक शहर दुनिया का सबसे अमीर शहर हुआ करता था। दक्षिण अफ्रीका के इस शहर का नाम है जोहान्सबर्ग। यह शहर दक्षिण अफ्रीका का सबसे बड़ा और सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है। हीरे और सोने की खानों के लिए प्रसिद्ध जोहान्सबर्ग को पहले ‘सिटी ऑफ़ गोल्ड’ यानी सोना उगलने वाला शहर कहा जाता था। करीब 150 साल पहले यहां की खदानों से दुनिया का 80 प्रतिशत सोना निकाला जाता था। लेकिन अब दक्षिण अफ्रीका के इसी शहर को दुनिया के सबसे खतरनाक शहरों में शुमार किया जाने लगा है। ऐसा कहा जाता है कि यह शहर अब अपराधियों का अड्डा बन चुका है।

चलिए जानते है कुछ खास बाते इस शहर के बारे में –

सोने की खदानें –

कहा जाता है कि सन 1886 में एक अंग्रेज ने दक्षिण अफ्रीका के शहर जोहान्सबर्ग में सोने के खदानों की खोज की थी। धीरे धीरे जब दुनिया को इस शहर के बारे में पता चला तो दूसरे देशों से लोग यहां आकर बसने लगे और वे सभी सोने की खदानों में अपनी किस्मत आजमाने लगे। सोने और हीरे के खदानों की वजह से ये शहर काफी अमीर बन चुका था।

मनोरंजन का केंद्र-

जोहान्सबर्ग में फिलहाल मनोरंजन का सबसे बड़ा केंद्र ‘गोल्ड रीफ सिटी’ है। और यह मनोरंजन केंद्र शहर के सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में सोने की खान के पास स्थित है। दरअसल यह एक पार्क है, जहां काम करने वाले कर्मचारी सन 1880 के समय की पोशाक पहन कर घूमते दिखाई देते हैं।

इमारतों की बनावट-

दक्षिण अफ्रीका के शहर जोहान्सबर्ग की सभी इमारतों को भी 1880 ई. के समय के हिसाब से डिजाइन किया गया है। दुनिया भर से काफी संख्या में पर्यटक यहाँ आते हैं और खदान से धातु निकाल कर सोना बनाने की पूरी प्रक्रिया को देखते और समझते हैं।

जोहान्सबर्ग का म्यूजियम-

जोहान्सबर्ग का सबसे बड़ा म्यूजियम हेक्टर पीटरसन है । यह म्यूजियम औरलैंडो वेस्ट में स्थित है। यहीं पर एक बच्चे की हत्या कर दी गयी थी जिसका नाम हेक्टर पीटरसन था। बाद में इस म्यूजियम का नाम उसी बच्चे की याद में हेक्टर पीटरसन म्यूजियम रख दिया गया। और इसे 16 जून 2002 को आम लोगों के लिए खोला गया था।

जोहान्सबर्ग का ‘द साउथ अफ्रीकन म्यूजियम ऑफ रॉक आर्ट’ में पत्थर की नक्काशीदार वस्तुओं को रखा गया है। इस म्यूजियम में रखी वस्तुओं के बारे में कहा जाता है कि उसमें से कुछ वस्तुएं तो आदिमानवों की भी है।

जोहान्सबर्ग का चिड़ियाघर-

जोहान्सबर्ग के सबसे बड़े चिड़ियाघर में जानवरों की लगभग 3000 प्रजातियां हैं। यह चिड़ियाघर दुनिया की उन गिनी-चुनी जगहों में से है, जहां सफेद शेर पाए जाते हैं। इसके अलावा इस चिड़ियाघर में साइबेरियन बाघ भी पाए जाते हैं।

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