आखिर आपके पास क्या नहीं है ?

आखिर आपके पास क्या नहीं है ? After all, what don’t you have?

बहुत समय पहले की बात है, महात्मा बुद्ध अपने शिष्यों के साथ एक गाँव के निकट पहुंचे। यह गाँव एक बड़े जंगल के पास बसा हुआ था, जहाँ के लोग खेती-बाड़ी और पशुपालन से अपना जीवन यापन करते थे। गाँव के लोग बुद्ध की शिक्षाओं के बारे में सुन चुके थे, और उनकी ज्ञान की बातें सुनने के लिए उत्सुक थे।

आखिर आपके पास क्या नहीं है ? After all, what don't you have?

आखिर आपके पास क्या नहीं है ? After all, what don’t you have?

बुद्ध के आने की खबर फैलते ही गाँव के लोग उनसे मिलने के लिए इकट्ठा हो गए। वे सभी बुद्ध से कुछ सीखना और अपने जीवन के बारे में जानना चाहते थे। बुद्ध ने उनकी उत्सुकता को समझा और उन्हें एक कहानी सुनाई।

बुद्ध ने कहा, “एक समय की बात है, एक व्यक्ति जंगल में लकड़ियाँ काटने के लिए गया। वह व्यक्ति बहुत मेहनती था, और अपनी कुल्हाड़ी से तेजी से पेड़ काट रहा था। वह पेड़ काटने में इतना व्यस्त हो गया कि उसे समय का भी ध्यान नहीं रहा। तभी, अचानक उसकी कुल्हाड़ी का आगे का हिस्सा टूट गया और वह जमीन पर गिर गया। अब उसके पास पेड़ काटने का कोई साधन नहीं बचा था।

वह व्यक्ति परेशान हो गया और सोचने लगा कि अब वह क्या करेगा। उसने चारों ओर देखा तभी उसे एक साधु दिखाई दिया, जो ध्यानमग्न होकर बैठा था। वह व्यक्ति उस साधु के पास गया और अपनी समस्या बताई। साधु ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘तुम्हारी कुल्हाड़ी टूट गयी है, यह सच है। लेकिन क्या तुमने कभी यह सोचा है कि तुम्हारे पास क्या है और क्या नहीं है?’

व्यक्ति ने हैरान होकर साधु की ओर देखा और कहा, ‘मेरे पास अब कुछ नहीं है। मैं इस जंगल में पेड़ काटने आया था, लेकिन अब मेरी कुल्हाड़ी भी टूट गई है।’

साधु ने शांति से कहा, ‘क्या तुम्हारे पास जीवन नहीं है? क्या तुम्हारे पास हाथ, पैर और मन नहीं हैं? क्या तुम सोचने और समझने की शक्ति नहीं रखते? यह सब तुम्हारे पास है, और यह किसी भी कुल्हाड़ी से अधिक महत्वपूर्ण है। जीवन का असली अर्थ यह नहीं है कि तुम्हारे पास क्या नहीं है, बल्कि यह है कि तुम जो कुछ भी कर सकते हो, उसे कैसे उपयोग करते हो।’

उस व्यक्ति ने साधु की बात सुनी और सोच में पड़ गया। वह व्यक्ति समझ गया कि साधु ने उसे जीवन का असली पाठ पढ़ाया है। उसने अनुभव किया कि वह केवल अपनी समस्या पर ध्यान दे रहा था, बजाय इसके कि वह अपनी अन्य क्षमताओं और साधनों को पहचाने। उसने तय किया कि वह किसी भी स्थिति में हार नहीं मानेगा और अपनी बुद्धि और ताकत का उपयोग करके समाधान खोजेगा।

बुद्ध ने अपनी कहानी समाप्त करते हुए कहा, ‘जीवन में हमें समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम हार मान लें। जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है हमारा दृष्टिकोण और हमारे पास जो कुछ भी है, उसका सही उपयोग। समस्याएँ आएंगी, लेकिन हमें यह देखना चाहिए कि हमारे पास क्या है, और उसे कैसे उपयोग कर सकते हैं।’

गाँव के लोग बुद्ध की इस कहानी से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने समझा कि जीवन में आने वाली कठिनाइयों के बावजूद, अगर हम अपने अंदर की शक्तियों और संसाधनों का सही उपयोग करें, तो हम हर समस्या का हल ढूंढ सकते हैं। इस शिक्षा के साथ, वे अपने जीवन को एक नई दृष्टि से देखने लगे और बुद्ध के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।

महात्मा बुद्ध की यह कहानी हमें सिखाती है कि जीवन में समस्याएँ आना स्वाभाविक है, लेकिन हमें कभी यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे पास हमेशा कुछ ऐसा होता है जो हमें आगे बढ़ने में मदद कर सकता है। जीवन का असली सुख और सफलता इस बात में है कि हम अपने अंदर की शक्तियों को पहचानें और उनका सही उपयोग करें।

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