Wednesday, October 29, 2025

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तुर लोमड़ी और अंगूर – प्रेरक कहानी और जीवन की सीख

चतुर लोमड़ी और अंगूर The Clever Fox and the Grapes

🦊चतुर लोमड़ी और अंगूर The Clever Fox and the Grapes

एक दिन एक चालाक लोमड़ी कहीं जा रहीं थी रास्ते में उसने एक पेड़ की शाखाओं के साथ लिपटी हुई बेल पर लटकते हुए पके हुए अंगूरों के एक सुंदर से गुच्छे को देखा। अंगूर बहुत ही रसीले और ताजे लग रहे थे, और उन्हें देखकर लोमड़ी के मुंह में पानी आ गया। वह अंगूरों को बड़े ध्यान से देखने लगी और सोचने लगी कि अगर उसे ये अंगूर मिल जाएं, तो उसका दिन बन जाएगा।

लेकिन समस्या यह थी कि अंगूर का गुच्छा बहुत ऊंची शाखा पर लटका हुआ था। लोमड़ी ने पहले तो अपने पंजों के बल खड़े होकर अंगूरों तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। अंगूर इतनी ऊंचाई पर थे कि उन्हें पाने के लिए उसे छलांग लगानी पड़ी। लोमड़ी ने अपने शरीर को तैयार किया और जितनी ताकत लगा सकती थी, लगाकर उछली, लेकिन वह अंगूरों तक नहीं पहुंच पाई।

पहली बार में ही नाकाम होने के बाद, लोमड़ी ने सोचा कि शायद वह सही तरीके से उछल नहीं पाई थी। इसलिए उसने थोड़ा पीछे जाकर एक जोरदार दौड़ लगाकर फिर से छलांग लगाई। लेकिन इस बार भी वह अंगूरों से काफी दूर रह गई। उसने सोचा कि उसे और अधिक जोर लगाना होगा।

बार-बार कोशिश करने के बावजूद, लोमड़ी अंगूरों को छू भी नहीं पाई। वह बार-बार छलांग लगाती, लेकिन हर बार वह असफल हो जाती। कई प्रयासों के बाद, जब उसकी सारी कोशिशें बेकार हो गईं, तो वह थक गई और हताश होकर वहीं बैठ गई।

अब वह अंगूरों की ओर गुस्से और निराशा से देख रही थी। काफी देर तक उन्हें घूरने के बाद, उसने खुद से कहा, “मैं कितनी बेवकूफ हूं। मैं यहां खुद को बेवजह थका रही हूं, इन खट्टे अंगूरों के लिए जो शायद खाने लायक भी नहीं हैं। ये तो बिल्कुल बेकार हैं और इन्हें पाने के लिए इतनी मेहनत करना भी सही नहीं है।”

लोमड़ी ने अपनी निराशा और गुस्से को छिपाने की कोशिश करते हुए, बहुत ही गर्व से सिर उठाया और वहां से चल पड़ी। वह ऐसे चली जैसे कि उसे उन अंगूरों की कोई परवाह ही नहीं थी। लेकिन अंदर ही अंदर वह जानती थी कि उसने उन अंगूरों को पाने के लिए कितनी मेहनत की थी और अब वह अपनी असफलता को छिपाने की कोशिश कर रही थी।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जब लोग किसी चीज को हासिल नहीं कर पाते हैं, तो अक्सर वे उस चीज को बेकार और तुच्छ बताने लगते हैं। यह केवल उनकी असफलता को छिपाने का एक तरीका होता है, जिससे वे खुद को संतुष्ट कर सकें कि उन्होंने कुछ भी नहीं खोया। लेकिन सच्चाई यह है कि वह चीज उनके लिए महत्वपूर्ण थी, बस वह उसे पा नहीं सके, और इसलिए वे उसे तुच्छ बताने लगते हैं।

🌿कहानी से सीख (Moral of the Story):

1️⃣ असफलता को तुच्छ न समझें ।
2️⃣ कभी-कभी हम अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए चीजों को कम महत्व देते हैं ।
3️⃣ जीवन में धैर्य और सही प्रयास से ही सफलता मिलती है ।
4️⃣ असफलताओं से सीखना और आगे बढ़ना ही असली बुद्धिमत्ता है ।

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