Saturday, December 6, 2025

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पर्यायवाची शब्द किसे कहते है ?

Synonym In Hindi पर्यायवाची शब्द किसे कहते है

जब एक ही शब्द के एक से अधिक अर्थ निकले उसे पर्यायवाची शब्द कहते है। अर्थात किसी शब्द के लिए प्रयुक्त समान अर्थो वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते हैं। पर्यायवाची शब्द समान अर्थ देने वाले शब्द होते हैं ,परंतु इनके भाव एक-दूसरे से बिलकुल भिन्न होते हैं।

पर्यायवाची शब्द भिन्न-भिन्न शब्दों का अर्थ समान होते, अर्थात एक ही शब्द के स्थान पर समान अर्थ वाले अलग अलग शब्द प्रयोग किये जा सकते हैं।

उदाहरण:

पर्यायवाची शब्द एक शब्द के समान अर्थ शब्द होते हैं परन्तु इनके प्रयोग के लिए बड़ी सावधानी रखनी पड़ती है क्योंकि इन शब्दों के भाव भिन्न भिन्न होते हैं। जैसे जहाँ प्रकाश का उपयोग करना है वहां हम उजाला शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते। उजाला शब्द प्रकाश का पर्यायवाची है परन्तु हम हर जगह इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते, क्योंकि इनके भाव में अंतर है।

पर्यायवाची शब्द

अमृत-     मधु, पीयूष ,सुधा, अमी, सोम ,सुरभोग।
अचल –   अटल ,अडिग, स्थिर,दृढ, अविचल।
अश्व-      घोड़ा,आशुविमानक, तुरंग, घोटक, हय, तुरंगम, रविपुत्र।
अधर्म –   पाप ,अनीत, अन्याय,अनाचार, अपकर्म, जुल्म।
अतिथि – मेहमान ,आगंतुक, पाहुन, अभ्यागत।
अनुपम-  अनोखा, अनूठा, अपूर्व, अतुल, अद्भुत, अद्वितीय,।
अंबा –     मां, माता, जननी, जन्मदात्री, प्रसूता।
अलंकार– आभूषण, गहना, जेवर, भूषण, विभूषण।
अहंकार–  घमंड, दंभ, गर्व, अभिमान, दर्प, मद, मान।
अरण्य – जंगल, वन, कान्तार, विपिन, कानन, अटवी।
अंकुश–  रोक, दबाव, अंकुसी, गजांकुश, नियंत्रण, पाबंदी ।
अंतरिक्ष– खगोल, गगनमंडल, नभमंडल, आकाशमंडल।
अंतर्धान– अदृश्य,गायब, लुप्त, ओझल।
अंबर– आसमान, आकाश, गगन,फलक, नभ।
अंतर्गत–सम्मिलित, शामिल, सम्मिलित, भीतर आया हुआ गुप्त।
आयुष्मान- चिरंजीवी, दीर्घ जीवी, शतायु ,दीर्घायु।
आदर्श-    प्रतिरूप ,प्रतिमान, मानक, नमूना।
आयु –  उम्र, वय, जीवनकाल, अवस्था, वयस्, जिन्दगी ।
आभूषण – गहना, अलंकार, भूषण, आभरण, जेवर ।
आँख – नेत्र, नयन, चक्षु, लोचन, दृग, अक्षि, नजर, अक्ष, चश्म।
आत्मा –  प्राण, जान, चैतन्य, ब्रह्म, क्षेत्रज्ञ, सर्वज्ञ, सर्वव्याप्त, विभु, जीव, जीवन ।
आम – फलराज, आम्र,  अतिसौरभ, रसाल, सहकार, पिकबंधु, च्युतफल ।
इंद्र-   देवराज, पुरंदर, शक्र,  शचिपति, सुरपति, मघवा, देवेश सुरेश,अमरपति।
इंद्रधनुष– इंद्रायुध, सूरधनु, शक्रचाप, सप्तवर्ण।
इंद्राणी-  इन्द्रा, पुलोमजा, शची, इंद्रवधू, ऐन्द्री।
इत्यादि– आदि, वगरैह, प्रभृति।
इठलाना– इतराना, ऐंठना, हाव-भाव दिखाना, मदांध मारना,  मटकाना, चमकाना।
इनाम– पुरस्कार, पारितोषिक, बख्शीश।
इजाजत– स्वीकृति,  अनुमति, मंजूरी।
इज्जत– मान, प्रतिष्ठा, आदर, आबरू।
ईर्ष्या-     स्पर्धा,मत्सर, डाह‌, जलन, कुढ़न।
उपदेश–  दीक्षा, नसीहत, सीख, शिक्षा, निर्देशन।
उत्पत्ति-  उद्भव, जन्म, जनन, आविर्भाव ।
उचित– ठीक, मुनासिब, वाज़िब, योग्य, समुचित, युक्तिसंगत, न्यायसंगत, तर्कसंगत।
उपवन– बाग़, बगीचा, उद्यान, वाटिका, फुलवारी, चमन, गुलशन।
उपकार– भेंट, नेकी, अच्छाई, परोपकार, कल्याण, नजराना, भलाई, आभार, तोहफा।
उपहास– परिहास, मजाक, खिल्ली।
उदाहरण– मिसाल, दृष्टान्त, कथा-प्रसंग, नमूना, दृष्टांत।
उषाकाल -अरुणोदय, प्रातः, प्रभात।
ऐश्वर्य-     वैभव संपन्नता धन-संपत्ति श्री महत्ता विभूति बड़प्पन समृद्धि दौलत।
एकांत –   निर्जन सुनसान शून्य।
ओजस्वी– बलिष्ठ बलशाली बलवान ओजशाली शक्तिमान तेजस्वी।
औषधि-   दवा, दवाई, भेषज।
कनक-   सोना, कंचन, स्वर्ण, सुवर्ण, हिरण्य, हेम, हाटक।
कमल-  तोयज, अम्बुज, नीरज, जलज,सरोज, पंकज, अरविन्द, नलिन, उत्पल, सारंग ।
कर्ण –    सूर्यपुत्र, राधेय, कौन्तेय, पार्थ, अंगराज, सूतपुत्र।
कपोत –   कबूतर, हारीत, पारावत, परेवा, रक्तलोचन।
कपड़ा-   अंबर, पट, पोशाक, लिबास, दुकूल, परिधान,चीर, वसन, वस्त्र।
कली-   कलिका, मुकुल, कुडमल, डोंडी, गुंचा, कोरक।
कामदेव- मदन, काम, कंदर्प, मनोज, रतिपति, मन्मथ, स्मर, मीनकेतु, मनसिज।
कुत्ता-   सारमेय, सोनहा, शुनक, गंडक, कुकर, श्वान,कुक्कुर।
केला-    कदली, भानुफल, गजवसा, कुंजरासरा, मोचा, रम्भा।
कौआ-   काक, वायस, काण, काग, बलिपुष्ट, करकट,पिशुन।
कंठ-    गला, शिरोधरा, ग्रीवा, गर्दन।
कुबेर –   धनद, यक्षराज, धनाधिप, यक्षपति, किन्नरेश, राजराज, धनेश।
कृतज्ञ- ऋणी, आभारी, अनुग्रहित, उपकृत ।
खेल-      क्रीड़ा, केलि, तमाशा, करतब।
खिड़की- रोशनदान, बारी, दरीचा, वातायन,गवाक्ष,झरोखा।
गरुड़-   खगेश, खगपति, नागांतक, सुपर्ण, वैनतेय।
गाय-   भद्रा, गौरी, सुरभी, धेनु, गऊ, गौ,गैया, पयसि्वनी,दोग्धी।
गंगा- भागीरथी, सुरसरिता, देवनदी, जाह्नवी, मन्दाकिनी, विष्णुपदी, सुरसरि, देवपगा, त्रिपथगा।
गन्ना-   ईक्षु, ऊख, ईख, पौंड़ा।
गणेश-  गणपति, गजवदन, लम्बोदर, मूषकवाहन, विनायक, गजानन, भवानीनन्दन।
घड़ा- घट, कलश, कुंभ, घटक, कुट।
घी-  हव्य, अमृतसार, क्षीरसार, आज्य।
घास-  शष्प, शाद, शाद्वल, तृण, दूर्वा, दूब।
घृणा-  अरुचि, नफरत, जुगुप्सा, अनिच्छा, विरति, घिन।
चाँदनी- चंद्रिका, कौमुदी, ज्योत्स्न्ना, चन्द्रमरीचि, कलानिधि, हिमकर ।
चंदन- श्रीखण्ड, गंधराज, गंधसार,मंगल्य,  मलयज, हरिगंध, मलय, दिव्यगंध।
चंद्रमा –सुधाकर, शशांक, रजनीपति ,निशानाथ ,सुधांशु।
चमक- ज्योति, प्रभा ,शोभा ,छवि, आभा।
चाँद –  शशि,चन्द्र, चन्द्रमा, सोम, विधु, राकेश, मयंक, रजनीश, महाताब, तारकेश्वर।
छाछ- गोरस, मठा, दधि स्वेद, मट्ठा।
छुट्टी-  अवकाश, फुर्सत, विश्राम, विराम, रुखसत।
जल-  नीर, सलिल, जीवन, तोय, उदक, पानी, पय,अंबु, अंभ, रस, आप, आब, वारि ।
जगत- विश्व, दुनिया, संसार, भव, जग, जहान्, लोक।
झंडा–  पताका, केतु, निसान, ध्वज, केतन, वैजयंती।
झूठ-   मिथ्या, अनृत, मृषा, असत्य।
झरना- स्रोत, झर, प्रपात, सोता, निर्झर।
तालाब- तड़ाग, सर, जलाशय, सरसि,ताल,पद्माकर, पुष्कर, सरोवर।
तारा- तारक, नक्षत्र, तारिका नखत उडुगन सितारा।
तरुण- युवा,जवान, युवक।
तोता- शुक, सुआ, सुग्गा, कोर, दाडिमप्रिय, रक्ततुंड।
थोड़ा- स्वल्प, अल्प, किंचित्, परिमित, लघु, कम।
थन- कुच, स्तन, वक्षोज, उरोज, पयोधर।
दीपक- प्रदीप, दीप, दीया, ज्योति, चिराग।
दूध- पय, क्षीर, गोरस, दुग्ध स्तन्य।
दिन-  अह:, दिवस, वासर, दिवा, वार।
दया-  कृपा, अनुकंपा, करुणा, अनुग्रह।
धनुष-  चाप, धनु, कार्मुक, कमान, शरासन, कोदंड, विशिखासन।
धूप- घाम, धर्म, निदाघ, आतप, रविप्रभा।
धन- अर्थ, वित्त, पूँजी, द्रव्य, संपदा, सम्पत्ति, राशि, मुद्रा।
नियति- प्रारब्ध, भाग्य, दैव्य, भावी, होनी।
पृथ्वी- भूमि ,अचला, अनंता ,रसा, धरा ,धरित्री, धरनी , वसुधा, वसुंधरा ,गोधरा, अंबरा।
पर्वत –पहाड़, गिरि, अद्रि, महीधर, भूधर, अचल, शैल, धरणीधर, नग।
नदी – सरिता, वाहिनी, अपगा,सिंधुगामिनी,तरंगिणी, स्रोतस्विनी,  शैवालिनी, शैलजा, तटिनी।
नम्र-  सुशील, शिष्ट, विनीत, विनयशील, विनयी।
नाव- नौका, जलयान, बेड़ी, डोंगी, नैया, तरिणी, जल वाहन।
पत्थर- पाषाण पाहन, उपल, अश्म, शिला, प्रस्तर।
पथ– मग, मार्ग, राह, पंथ, रास्ता।
पिता- तात, जनक, जनयिता, बाप , पितृ।
पर्वत- भूधर, गिरी, महीधर, शैल, नग, मेरु।
पुत्री- तनया, आत्मजा, दुहिता, सुता, बेटी।
प्रगति- विकास, उन्नति, श्रीवृद्धि, तरक्की।
प्रिया – प्रेयसी ,प्यारी ,वल्लभा , प्रभात।
फूल- पुष्प, कुसुम,पुहुप, सुमन, प्रसून।
बादल– अंबुद, नीरद,वारिद,पयोधर, मेघ, जलधर, बलाहक, पयोद, घन, जलद।
बंजर– अनुपजाऊ, अनुर्वर, ऊसर।
बंदर – कपि, मर्कट ,वानर, कपीस ,शाखामृग।
बाघ- व्याघ्र ,शार्दुल, चित्रक, व्याल।
बादल – मेंघ,जलधर, वारिद,नीरद,वारिधर।
बालिका– गौरी, कन्या ,बेटी ,कुमारी, किशोरी।
मोक्ष- कैवल्य, मुक्ति, सद्गति, निर्वाण, परम पद।
मधुप – भ्रमर, अलि, मधुकर, द्विरेफ, चंचरीक, मिलिंद,भौंरा, भृंग, षट्पद।
मोर – मयूर, शिखी, कलाजी, सारंग, नीलकंठ,शिव-सुत-वाहन,  केकी।
यमुना – कालिंदी, तरणि-तनुजा,जमुना, कृष्णा, रविसुता, सूर्यजा, अज रवितनया |
यम – कीनाश, जीवितेश, श्राद्धदेव, दण्डधर, सूर्यपुत्र,
रात्रि – राका, निशा ,रजनी ,यामिनी ,विभावरी।
राम –रघुपति ,राघव ,रघुनंदन ,रघुवर ,सीतापति।
रमा -श्रीकमला, विष्णुप्रिया ,इंदिरा ,लक्ष्मीकांता।
रश्मि– कर , अंशु, मरीच, मयूख, किरण।
वाणी – वचन, गिरा, भारती,भाषा, बोली।
वृक्ष– पेड़ , पादप, शाखी, तरु, विटप।
वायु- अनिल, समीर, पवन, हवा।
विष- गर्ल, कालकूट, जहर, हलाहल।
शत्रु – दुश्मन, अरि, रिपु, विपक्षी, अमित्र, अराति, बैरी ।
शेर – हरि, केसरी, केशी, वनराज, मृगेन्द्र, मृगराज, शार्दूल, सिंह, केहरि, नाहर।
संध्या – निशारंभ, दिवावसान, दिनांत, सांयकाल, गोधूलि ।
स्वर्ग – सुरलोक, देवलोक, द्युलोक, नाक ।
स्वर – शब्द, ध्वनि, मुखर, निनाद, रव,नाद, घोष।
सहेली – सखी, सहचरी, सजनी, आली, सैरंध्री।
सूर्य – दिनकर, दिवाकर,भानु, भास्कर, आदित्य, रवि, प्रभाकर, दिनेश, दिनमणि, पूषा ।
सर्प – साँप, नाग, विषधर, भुजंग, उरग, सरीसृप,व्याल, पन्नग, अहि ।
समुद्र –  सागर, सिंधु, पारावार, पयोधि, नीरधि, वारिधि, उदधि, जलधि, रत्नाकर, अब्धि, नदीश।
सरस्वती – शारदा, भारती, वाणी, वीणापाणि, हंसवाहिनी, वागीश्वरी।
हाथी – गज, हस्ती, मतंग, द्विरद, गयंद, सिंधुर, दंती, कुंभी, वितुण्ड ।
हिरण – कुरंग, सारंग, मृग, चमरी, कृष्णसार ।
क्षण – अदिष्ट, अवसर, उत्सव, काल, घड़ी, छन, छिन, बेला, मुहूर्त, वक्त, समय, समय भाग ।
क्षत्रिय – क्षत्र, क्षत्री, नाभि, नृप, पार्थिव, बाहुज, राजन्य, राजा, विराज, विराट।
क्षितिज – अंबरांत, अंबरारंभ, आकाश, आकाश रेख, आकाश षीर्ष।
क्षण – भंगुर अनित्य, अस्थिर, क्षणिका, नश्वर, नाशवान।

पर्यायवाची शब्दों का महत्व

पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग हमें वाक्यों में विविधता लाने और संप्रेषण को सटीक बनाने में मदद करता है। हालांकि, इनका उपयोग करते समय ध्यान रखना जरूरी है कि उनके भाव और संदर्भ में अंतर हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, अमृत और मधु दोनों का अर्थ जीवनदायिनी चीज़ से है, लेकिन उनका प्रयोग अलग-अलग संदर्भों में किया जाता है।

पर्यायवाची शब्दों का सही प्रयोग

पर्यायवाची शब्दों का सही और उपयुक्त प्रयोग भाषा को अधिक प्रभावी और सुंदर बनाता है। इसलिए, किसी शब्द का पर्यायवाची शब्द प्रयोग करते समय ध्यान रखें कि उसका भाव उस स्थान पर ठीक बैठता हो।

उदाहरण:

  • “सूर्य” का पर्यायवाची शब्द “दिनकर” है, लेकिन “दिनकर” का इस्तेमाल साहित्यिक संदर्भ में अधिक होता है, जबकि सामान्य बातचीत में “सूर्य” का प्रयोग ज्यादा होता है।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
  1. भावना का पर्यायवाची शब्द क्या है?
    भावना का पर्यायवाची शब्द हैं: कल्पना, विचार, ख्याल।

  2. ‘सपना’ का पर्यायवाची क्या है?
    सपना का पर्यायवाची शब्द हैं: ख्वाब, स्वप्न, दृष्टि, आदर्श।

समाप्ति:

इस लेख में हमने पर्यायवाची शब्दों (Synonyms in Hindi) के बारे में विस्तार से जाना और इनके उपयोग को सरल तरीके से समझा। यदि आप और पर्यायवाची शब्दों के बारे में जानना चाहते हैं तो आप हमारे अन्य लेखों को भी पढ़ सकते हैं।
आशा है की ऊपर पर्यायवाची के बारे में बताई गयी बातें आपको पसंद आयी होंगी।

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