Sunday, October 26, 2025

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दो दोस्तों की कहानी – सच्चे दोस्त की पहचान | Story of True Friendship in Hindi

दो दोस्तों की कहानी – सच्चे दोस्त की पहचान | Story of True Friendship in Hindi

एक समय की बात है, दो बहुत अच्छे दोस्त थे। एक दिन वे दोनों एक लंबे सफर पर निकले थे, सफर करते-करते वे एक घने जंगल में पहुंच गए। यह जंगल बहुत डरावना और खतरनाक था, लेकिन दोनों दोस्त आपस में हंसी-मजाक करते हुए जंगल में आगे बढ़ते रहे।Story of Two Friends

भालू को देखकर दोनों दोस्त बहुत डर गए। भालू को देखकर पहले दोस्त ने बिना कुछ सोचे-समझे तुरंत पास के एक पेड़ पर चढ़ना शुरू कर दिया। उसे पेड़ पर चढ़ना बहुत अच्छी तरह से आता था, इसलिए वह तेजी से ऊपर चढकर डाली पर बैठ गया।

लेकिन दूसरे दोस्त की किस्मत ख़राब थी। उसे पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था, वह भालू को देख कर डर के मारे थर-थर कांपने लगा। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे, क्योंकि भालू धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ रहा था। उसके मन में कई तरह के ख्याल आने लगे।

तभी, उसे अचानक अपने बड़े-बुजुर्गों की एक बात याद आई कि भालू मरे हुए शरीरों को नहीं छूता। यह सोचकर उसने तुरंत अपनी सांस रोक ली और जमीन पर लेट गया, और ऐसे पड़ा रहा कि जैसे वह मर गया हो। उसने अपनी आंखें बंद कर लीं और पूरी तरह से निश्चल हो गया।

भालू उसके पास आकर उसे सूंघने लगा। भालू ने उसके शरीर के चारों ओर सूंघा, लेकिन उसे कोई हरकत महसूस नहीं हुई। उसे लगा कि यह आदमी मर चुका है, इसलिए उसने उसे छोड़ दिया और वहां से चला गया।

जब भालू जंगल में और आगे चला गया, तब पेड़ पर चढ़ा पहला दोस्त नीचे उतर आया। उसने राहत की सांस ली और अपने दूसरे दोस्त के पास जाकर उससे मजाकिया अंदाज में पूछा, “अरे यार, उस भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा था? मुझे भी तो बताओ!”

दूसरा दोस्त, जो अब अपने पहले दोस्त की असली प्रकृति समझ चुका था, उसने गंभीरता से जवाब दिया, “भालू ने मुझे एक बहुत महत्वपूर्ण सलाह दी। उसने कहा कि ऐसे दोस्तों से दूर रहो जो तुम्हें मुसीबत के समय अकेला छोड़ देते हैं।”

पहले दोस्त को अब अपनी गलती का एहसास हुआ, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दूसरा दोस्त अब समझ चुका था कि सच्चा दोस्त वही होता है जो मुश्किल वक्त में साथ खड़ा रहे, न कि जो अपनी जान बचाने के लिए आपको अकेला छोड़ दे।

कहानी से सीख (Moral of the Story):

“मुसीबत में साथ देने वाला ही सच्चा दोस्त होता है।”

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि दोस्ती केवल मौज-मस्ती के लिए नहीं होती। सच्चा मित्र वही होता है जो कठिन समय में आपका साथ न छोड़े। ऐसे लोगों को दोस्त बनाएं जो आपके साथ हर परिस्थिति में खड़े रहें।

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