उनकी तसवीर को सीने से लगा लेते है
इस तरह जुदाई का गम मिटा लेते हैं
किसी तरह जिक्र हो जाये उनका
हँस के भींगी पलकें झुका लेते हैं
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हमारी आँख में पानी बहुत है
इस दुनिया में बेईमानी बहुत है
मुहब्बत हमने की है हमसे पूँछो
इस मुहब्बत में परेशानी बहुत बहुत है
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हौसले जिंदगी के देखते हैं
चलो कुछ रोज जी के देखते है
बारिसे तो प्यास बुझाती है
चलो जिंदगी का जहर पी के देखते हैं
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गिर गयीं है हाथों की लकीरें कहीं
भूल आये हम अपनी तकदीरें कहीं
अगर मिल जाये तो उठा लेना
खो गयीं हैं खुशियों की तसवीरें कहीं
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