अकबर का स्वप्न – अकबर बीरबल की मजेदार कहानी | Akbar Birbal Best Story in Hindi
बादशाह अकबर आये दिन बीरबल से मजाक करते रहते थे। और कई बार तरह तरह के प्रश्न पूछते रहते थे। बीरबल भी उनके हर प्रश्न का बड़ा सटीक उत्तर खोज ही लेते थे। जिससे अकबर बहुत प्रशन्न होते थे।
एक बार की बात है बादशाह अकबर मजाक मूड में थे। वे बीरबल को लज्जित करना चाह रहे थे। इसी उदेश्य से उन्होंने बीरबल से कहा -बीरबल, मैंने आज एक स्वप्न देखा।
बीरबल ने क़हा – कैसा स्वप्न महाराज ? अकबर ने कहा – आज मैंने स्वप्न देखा कि मैं और तुम चलते हुए कही जा रहे थे। और अचानक हम दोनों अलग अलग गड्ढे में गिर गए। तुम मल के गड्ढे में गिरे और मैं शहद में गड्ढे में।
बीरबल समझ गए कि अकबर उन्हें लज्जित करना चाह रहें हैं। बीरबल ने तुरंत ही कहा – महाराज, मैंने भी यही स्वप्न देखा था।
अकबर ने कहा – यही स्वप्न ? बीरबल ने कहा – हाँ महाराज, यही स्वप्न कि हम दोनों गड्ढे में गिर गए। मैं मल के गड्ढे में और आप शहद के गड्ढे में।
अकबर ने मुस्कराते हुए कहा -अच्छा, तो फिर स्वप्न में फिर उसके बाद क्या हुआ, क्या हम दोनों नहाने चले गए ?
बीरबल ने कहा – नहीं महाराज, हम दोनों गड्ढे से बाहर निकले। उसके बाद मैं आपको चाटने लगा और आप मुझे चाटने लगे।
अकबर अपने ही शब्दों के जाल में फंस गए। बीरबल की बात सुनकर अकबर बहुत शर्मिदा हुए।
यह सुनते ही पूरा दरबार ठहाकों से गूंज उठा और अकबर स्वयं भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। उन्होंने महसूस किया कि बीरबल ने फिर एक बार अपनी बुद्धि और वाक्पटुता से बाजी मार ली है।
🌿कहानी से शिक्षा (Moral of the Story):
👉 समझदारी और हाजिरजवाबी से हर स्थिति को पलटा जा सकता है।
👉 कभी-कभी जवाब देने का सही तरीका ही आपकी सबसे बड़ी ताकत होता है।
👉 मजाक में भी दूसरों की गरिमा बनाए रखना बुद्धिमत्ता का संकेत है।

