तनाव से मुक्ति
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव इंसान की सबसे बड़ी समस्या बन गयी है। तनाव की वजह से इंसान अशांत और बेचैन हो गया है। इसकी वजह से व्यक्ति का स्वाभाव चिड़चिड़ा हो गया है। उसकी प्रशन्नता खो गयी है। मन बोझिल और परेशानी भरा हो गया है।
तनाव इस कदर बढ़ गया है जिसकी वजह से व्यक्ति धीरे धीरे अवसाद ग्रस्त हो जाता है और उसे इस बात का पता भी नहीं चलता की वह अवसाद में है। अवसाद ग्रस्त व्यक्ति जीवन जीने की सारी उम्मीदें खो देता है। कई बार व्यक्ति निराशा और अवसाद से इस कदर घिर जाता है कि उसके मन बुरे विचार पैदा होने लगते है। कई बार वह अपने जीवन को त्यागने की कोशिश भी करने लगता है।
मनुष्य की आधी से ज्यादा बीमारियां सिर्फ तनाव के कारण पैदा होती है। तनाव मनुष्य के लिए ग्रहण के सामान है, जो धीरे धीरे उसके सुखी जीवन को पूर्ण रूप से नष्ट कर देता है।
आज के वक्त में तनाव के बहुत से कारण हो सकते हैं। परन्तु जो माध्यम वर्ग के लिए तनाव का मुख्य कारण हैं वह है धन।
सवाल यह पैदा हैं कि इस तनाव से मुक्ति कैसे मिले। तनाव ज्यादातर आपके मन के किसी प्रकार के विचारों और सोच का नतीजा है। जिसे किसी भी स्थिति परिस्थिति या कारण की वजह से आपके मन ने स्वयं में पाल रखा है। इसलिए इसका निवारण भी स्वयं आपको ही करना है। सबसे पहले उसके कारण को जानने की कोशिश करें। उस पर विचार करें।
स्वयं से यह प्रयास करें कि आप अपने जीवन शैली में बदलाव लायें। अपने आपको अनुशासित करें। जो बातें या व्यक्ति आपके मन में तनाव पैदा करते हैं, उनसे दूर रहें। पुरानी या बीती हुई तनाव भरी बातों को बार बार याद न करें।
निराशापूर्ण व्यक्तियों से दूर रहें। ज्यादातर हँसते और मुस्कराते रहें। घर से बाहर निकलें और सैर करें। स्वयं को व्यस्त रखें। बच्चों के साथ खेल खेल सकते हैं, आपको अच्छा महसूस होगा।
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